Sitamarhi, Ravishankar Singh : रीगा चीनी मिल का मामला एनसीएलटी, कोलकाता में करीब साल भर से लटका पड़ा है. अब अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी है. इसका असर यह हुआ है कि मिल का खरीदार कौन होगा, मिल कब से चलेगा, किसानों का बकाया भुगतान कब और कौन करेगा, ये सारे सवाल जस का तस पड़ा हुआ है. ईंखोत्पादक संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने यह बात लोहिया आश्रम में संघ की कोर टीम की बैठक में कही.
सदस्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न सवालों के मद्देनजर सिंह ने कहा कि संघ के प्रयास का यह नतीजा निकला है कि बिहार सरकार का ईंख उद्योग विभाग सक्रिय हुआ है और उसके आला अधिकारी कोलकाता जाकर एनसीएलटी में अपना पक्ष रख रहें हैं. विभागीय पदाधिकारी से हुई बातचीत के आधार पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी सक्षम एजेंसी को मिल सौंप कर मिल चलाने हेतु फिर से बीड कराने के प्रयास में लगी है. इसलिए हम लोगों की आवाज और तेज करने की जरूरत है.
आगामी 27 दिसंबर को शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर पोस्टकार्ड अभियान की शुरुआत करने का निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि 27 दिसंबर 1981 को किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग में सुरेंद्र सिंह और रफीक आलम मारे गए थे. आधा दर्जन लोग जख्मी हुए थे. तब से लगातार हर साल ईंखोत्पादक संघ शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है. बैठक में विचार व्यक्त करने वालों में लखनदेव ठाकुर, गुणानंद चौधरी, अनुठालाल पंडित, मदन मोहन ठाकुर अशोक ठाकुर, रामश्रेष्ठ सिंह कुशवाहा, रामाशंकर राय, राम विवेक सिंह, सुधीर कुमार प्रमुख थे.