सीतामढ़ी जिला को सूखाग्रस्त जिला घोषित किया जाए

सीतामढ़ी

-समाजसेवियों तथा पत्रकारों पर मुकदमे तथा गिरफ्तारी पर रोक लगे।

सीतामढ़ी/रविशंकर सिंह। संयुक्त किसान मोर्चा तथा एआईकेसीसी के घटक संगठनो के साथियो की बैठक किसान सभा कार्यालय में किसान सभा के नेता विश्वनाथ बुन्देला की अध्यक्षता मे हुई। बैठक में वर्षापात के अभाव में भारी सुखाड को देखते हुए सरकार से सीतामढी जिला को अविलंब ‘सूखाग्रस्त’ जिला घोषित करने की मांग की गई।

बैठक मे कहा गया कि धान का बिचडा सूख गया है धान की रोपनी का समय समाप्त होता जा रहा है।पिछले खरीफ सीजन मे बाढ से फिर रब्बी सीजन में आंधी,ओला तथा वर्षा से सभी फसलों तथा आम सब्जी की भारी बर्बादी हुई अब सुखाड से त्राहिमाम की स्थिति है।बिहार सरकार से मांग की गई कि किसान-मजदूरो के जीवन- यापन हेतू अनुदान तथा नई खेती के लिए ईनपुट अनुदान,वैकल्पिक खेती हेतू निःशुल्क बीज,डीजल तथा उर्वरक की आपूर्ति की जाए तथा इस आपदा में दो वर्षो से अधिक से रीगा चीनी मिल के जिम्मे गन्ना मूल्य के बकाये करीब 60करोड रू का भुगतान बिहार सरकार सुनिश्चित कराये अन्यथा किसान आन्दोलन करने को विवश होंगे।

बैठक मे प्रखंड तथा अंचल कार्यालयो मे व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की भी मांग की गई। बैठक मे अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त समाजसेवी मेधा पाटेकर तथा उनके 11साथियों पर से झूठे मुकदमे वापस लेने,17आदिवासियों की हत्या मामले में हिमांशु कुमार को जुर्माना नही न्याय दिलाने,निर्दोष गिरफ्तार पत्रकारो को रिहा करने तथा चौथे स्तंभ पर सरकारी हमला बंद करने की मांग सरकार से की गई।

बैठक में संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के डा. आनन्द किशोर, जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी,महासचिव आलोक कुमार सिंह, रामप्रमोद मिश्र,अभा किसान सभा के नेता प्रो. दिगम्बर ठाकुर, किसान सभा के नेयाज अहमद सिद्दिकी,मो गयासुद्दीन,जय किसान आन्दोलन के संजय कुमार, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मो. मुर्तुजा,हंसराज यादव,तेज नारायण प्रसाद सहित अन्य किसान नेताओ ने अपना विचार रखा तथा सरकारी उपेक्षा पर रोष व्यक्त किया।

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