-बढती लागत के आलोक में 6सौ रू क्वि गन्नामूल्य शीघ्र तय हो।
-रीगा चीनी मिल के किसानो के बकाये भुगतान की व्यवस्था हो।
Sitamarhi/Ravishankar singh: गन्ना पेराई सत्र 2022-23शुरू होने के तीन माह बाद भी बिहार सरकार द्वारा गन्ना मूल्य घोषित नही किया जाना किसानों के साथ बडा धोखा है।संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा सीतामढी के नेता प्रो आनन्द किशोर,जिलाध्यक्ष जलंधर यदुबंशी,महासचिव संजीव कुमार सिंह,रीगा अध्यक्ष पारसनाथ सिंह,डूमराअध्यक्षअवधेश यादव ने सीएम नीतीश कुमार,गन्ना मंत्री तथा गन्ना सचिव,बिहार को पत्र भेजकर शीघ्र गन्ना मूल्य घोषित कराने की मांग की है। मेल में कहा गया है कि संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा सीतामढी तथा संयुक्त किसान मोर्चा बिहार द्वारा पेराई सत्र शुरू होने से पूर्व गन्ना मूल्य तय करने की मांग बिहार सरकार से की जाती रही है इस बावत जिला तथा राज्य स्तर पर भी धरना-प्रदर्शन किया गया है परन्तु सरकार की उदासीनता से पेराई सत्र शुरू होने के तीन माह बाद भी अभी तक गन्ना मूल्य तय नही होना गन्ना किसानो के साथ घोर अन्याय है।
डीजल,उर्वरक,कीटनाशक, लेबर,सिंचाई,गन्ने की कटाई तथा ढुलाई की मंहगाई से गन्ना खेती की बढती लागत की समीक्षा कर सरकार गन्ना मूल्य घोषित करे।गन्ना खेती की लागत का हिसाब जोडने पर गन्ना खेती का उत्पादन लागत 6सौ रू क्विंटल के करीब होता है इसलिए सरकार हरहाल में 6सौ रू क्वि से कम गन्ना मूल्य तय नही करे। कायदे से सरकार को लागत का ड्योढा मूल्य तय करना चाहिए।
मेल में यह भी कहा गया है कि रीगा चीनी मिल क्षेत्र के किसान ईंख कानून के तहत गन्ना की आपूर्ति की है आज वहां के किसानो का तीन वर्षो से गन्नामूल्य का 55करोड सेअधिक बकाया है।किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाली बिहार सरकार का दायित्व है कि किसानों की दयनीय स्थिति को देखते हुए किसानों के बकाये गन्ना मूल्य का ईख कानून के हिसाब से ब्याज सहित भुगतान की वैकल्पिक व्यवस्था कराये।