सुपौल : जहां गाड़ी नहीं पहुंचती, वहां ‘सुल्तान’ से पहुंच जाते हैं साहब

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सुपौल/बीपी प्रतिनिधि। इन साहब को गौर से देखिए। देख कर के आप अचंभित हो गए होंगे देखने के बाद आपको जेहन में बहुत सारा सवाल उठ रहे होंगे। यह साहब कहां के हैं? क्यों खाली मैदान में घोड़े पर सवार होकर घूम रहे हैं।

इन साहब के बारे में आप अगर जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे। यह साहब कोई ऐरे-गैरे आदमी नहीं है। साहब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अगर इन साहब के बारे में नहीं जान रहे हैं। तो यह साहेब का परिचय आपको बता ही देते हैं। यह साहब सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल पदाधिकारी एसजेड हसन हैं, जो सिर्फ कार्य के प्रति समर्पित माने जाते हैं।

इससे पूर्व भी युवकों को आर्मी की तैयारी को लेकर घोड़े पर सवार होकर टिप्स देते हुए देखे गए थे। घोड़े का नाम सुल्तान है, जहां उनकी गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। वहां वह घोड़े पर सवार होकर पहुंच जाते हैं। बताया तो यह भी जाता है कि साहब घोड़े की बहुत शौकीन है। जहां जाते हैं वहां घोड़े को साथ ले जाते हैं। बचपन से ही घोड़े का सवार करते हैं।

क्यों घोड़े पर सवार होकर घूम रहे हैं, यह भी हम आपको बता ही देते हैं। दरअसल सुपौल और अररिया नई रेलवे लाइन की कार्य बड़ी तेजी से हो रही है। जो मौजा लक्ष्मीपुर, लक्ष्मीनिया, बभंगामा, कुशवाहा डफरका पंचायतों में रैयतों के द्वारा लगभग पैतीस ऐकर जमीन कब्जा किए हुए हैं। इसी को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी एस. जेड. हसन ने घोड़े पर सवार होकर रैयतों के पास पहुंच कर भूमि संबंधित वैध कागजात अविलंब जमा करने का आदेश दिया।

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उन्होंने यह भी कहा कि अभी कैंप चल रहा है। सभी रैयत अपने अपने नजदीकी कैंप में भूमि संबंधित कागजात जमा करें ताकि उचित मुआवजा मिल सके और जल्द सभी रैयत जमीन खाली कर दे, ताकि रेलवे के कार्य में बाधित ना हो। जिस अंदाज में अनुमंडल पदाधिकारी पहुंचे उनके घोड़े पर सवार देखकर आसपास के पहुंचे लोग हैरान रह गए। साथ में पर सीओ दिनेश प्रसाद, हल्का कर्मचारी के अलावा हल्का अमीन भी मौजूद थे।