स्टेट डेस्क/ पटना। बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जीएसटी को लेकर स्तरहीन राजनीति कर रहे हैं। चुकी वह और उनका परिवार आम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता रहा है तो, ऐसे में लोगों की भावनाओं को भड़का कर यह अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं। जबकि केंद्र की सरकार ने कुछ नए नई ब्रांडेड सामानों पर जीएसटी जरूर लगाया है लेकिन, अकेले यह केंद्र सरकार का फैसला नहीं है। इसमें वह तमाम गैर भाजपा शासित राज्यों ने समर्थन दिया है और कई राउंड बातचीत के बाद इस पर फैसला लिया गया है।
शायद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को टेक्निकल बातें समझ में नहीं आती हैं। यह पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगते रहे हैं। लेकिन मुद्दाविहीन विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है तो, ऐसे में सरकार के हर फैसले के विरोध का जिम्मा ले चुका विपक्ष इस फैसले का भी विरोध कर रहा है। तेजस्वी यादव जी, कुछ फैसले राज्य हित में, देश हित में लिए जाते हैं। देश के विकास के लिए, देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए कड़े फैसले लेने होते हैं। अभी भले लोगों को थोड़ी तकलीफ जरूर होगी लेकिन, जिस तरह से बिचौलिए कर की चोरी कर रहे थे, उसपर लगाम लगाने के लिए यह व्यवस्था अति आवश्यक थी। सरकार ने आम लोगों के हित में और जनमानस की भावना को देखते हुए यह फैसला लिया है।
तेजस्वी यादव तो अपने बारे में सोचते हैं। उनको लग रहा है कि वह ब्रांडेड व्यक्ति हैं, ब्रांडेड राजनीति करते हैं, ब्रांडेड खाना खाते हैं, तो उनके लिए खाना थोड़ा महंगा जरूर होगा। लेकिन आम जनता आज भी अपनी मेहनत की कमाई से आटा-चावल खरीद कर खाती है और वह खेत से सीधे उनके थाली तक जाता है, वहां ब्रांड नही होता है। तेजस्वी यादव जी, देश की जनता आपकी तरह प्यूरीफायर की हवा नहीं खाती है।
तेजस्वी जी , टेक्निकल बातों को समझिए। इन आइटम पर पहली बार टैक्स नहीं लगाया जा रहा है। इससे पहले पंजाब में खाद्य आइटम से 2,000 करोड़ रुपये का टैक्स वसूला गया, जबकि यूपी में 700 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन हुआ। जब जीएसटी लागू हुआ था, तो उस वक्त ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 फीसद की दर से जीएसटी लागू की गई थी। लेकिन बाद में इसे पंजीकृत ब्रांड तक सीमित कर दिया गया था। लेकिन बड़े पैमाने पर इसका दुरुपयोग हुआ, जिससे जीएसटी कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई। साथ ही ब्रांडेड आइटम पर टैक्स देने वालों की तरफ से भी विरोध किया गया था। ऐसे में सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से जीएसटी लगाने का नियम जारी किया गया है।
तेजस्वी जी, यह फैसला जीएसटी काउंसिल के जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने लिया है, उनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्य शामिल थे। इसकी अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री कर रहे थे। टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह फैसला बेहद जरूरी था। इस मामले में गहन विचार-विमर्श किया गया और सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के बाद जीएसटी काउंसिल ने इसकी सिफारिश दी है।
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