स्टेट डेस्क/अभिलाष मिश्रा। बिहार सरकार ने हिंदी फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ को टैक्स फ्री घोषित कर दिया है। इसे लेकर राज्य कर आयुक्त सह सचिव डॉ. प्रतिमा ने आदेश जारी कर कहा है कि फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ को मल्टीप्लेक्सों/सिनेमा घरों में प्रवेश हेतु प्रभारित प्रवेश शुल्क पर देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य राशि की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति प्रदान की जाती है। यह आदेश 17मार्च 2022 से प्रभावी होगा।
इन शर्ता के अधीन दी गयी है स्वीकृति
(1) फिल्म “कश्मीर फाइल्स” के प्रदर्शन के लिए सम्बन्धित सिनेमा / मल्टीप्लेक्स की प्रचलित सामान्य प्रवेश शुल्क में वृद्धि नहीं की जा सकेगी और न ही विभिन्न क्लासों के आसन क्षमता में परिवर्तन किया जायेगा।
(2) मल्टीप्लेक्स/सिनेमाघरों के स्वामियों को फिल्म “कश्मीर फाइल्स के प्रदर्शन के दौरान देय आउटपुट एसजीएसटी की राशि को घटा कर दर्शकों को टिकट का विक्रय किया जायेगा।
(3) इस आदेश के निर्गमन के पश्चात फिल्म “कश्मीर फाइल्स के प्रदर्शन के क्रम में प्रभारित प्रचलित सामान्य प्रवेश शुल्क की राशि पर देय राज्य माल एवं सेवा कर की राशि को मल्टीप्लेक्स / सिनेमाघरों के स्वामियों द्वारा अपने पास से कोषागार में उसी विहित प्रक्रिया के अनुसार जमा की जायेगी जैसे अन्य प्रदर्शित की जाने वाली फिल्मों हेतु विहित है।
(4) इस आदेश के निर्गमन के पश्चात् फिल्म “कश्मीर फाइल्स” के प्रदर्शन के क्रम में प्रभारित प्रचलित सामान्य प्रवेश शुल्क की राशि पर देय राज्य माल एवं सेवा कर की राशि को मल्टीप्लेक्स/सिनेमाघरों के स्वामियों द्वारा पृथक चालान/चालानों से कोषागार में उसी विहित प्रक्रिया के अनुसार जमा की जायेगी। जैसे अन्य प्रदर्शित की जाने वाली फिल्मों हेतु विहित है।
(5) इस आदेश के अधीन मल्टीप्लेक्सों/सिनेमाघरों के स्वामियों द्वारा इस आदेश की कंडिका (3) एवं (4) के अनुसार जमा करायी गयी एसजीएसटी के प्रतिपूर्ति हेतु इस आदेश के साथ संलग्न प्रपत्र “कश्मीर फाइल्स-प्रतिपूर्ति” में सम्बन्धित अंचल प्रभारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा तथा इस आवेदन के साथ इस आदेश के कंडिका (4) में यथाविहित चालान की प्रति संलग्न किया जायेगा।
(6) आवेदन प्राप्ति के सात दिनों के भीतर सम्बन्धित अंचल प्रभारी द्वारा जमा करायी गयी राशि का सत्यापन करते हुये भुगतायी गयी राशि की प्रतिपूर्ति मल्टीप्लेक्स/सिनेमाघरों के स्वामियों को उसी रीति से की जायेगी जिस रीति से पात्रता प्राप्त औद्योगिक इकाईयों को अनुमान्य वैट के राशि की प्रतिपूर्ति की जाती है।
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