मुजफ्फरपुर/ब्रह्मानन्द ठाकुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में एक हैरतंगेज मामला सामने आया है। पुलिस फाइल में पिछले सोलह वर्षों से फरार अभयुक्त अमरेश कुमार की गिरफ्तारी की गई है। अमरेश वर्तमान में रिटायर्ड होने के बाद उसी बिहार विश्वविद्यालय के अकाउंट सेक्शन में कैजुअल बेस पर नौकड़ी कर रहा था जिस विश्वविद्यालय में उसपर बीएचएमएस छात्रों के अंक पत्र और टैबलेसन रजिस्टर में फर्जीवाड़ा करने का आरोप सिद्ध हो चुका था और वह पुलिस की नजरों में फरार था।
दरअसल यह मामला 2006 का है, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत कई कॉलेजों के आयुर्वेद के फेल छात्रों के अंकपत्र और टैबलेशन रजिस्टर में फर्जीवाड़ा कर उसका नंबर बढ़ा दिया गया था और फेल छात्र पास दिखा दिए गए थे। मामला संज्ञान में आने पर जांच हुई जिसमे कई राज्यों के फेल छात्र को पास कराए जाने की बात प्रकाश में आई। जिन राज्यों के छात्र चिन्हित हुए उनमें बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और झारखंड के सैंकड़ों मुन्नाभाई सामिल हैं। गिरफ्तार अमरेश कुमार तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के सहायक हुआ करते थे।
मामले की जानकारी देते हुए विश्विद्यालय थानाध्यक्ष रामनाथ प्रसाद ने बताया की मामला 2006 का है जब कई राज्यों के छात्रों को फर्जी तरीके से टेंपरिंग कर फेल छात्रों को पास करा दिया गया था। इसमें परीक्षा विभाग के तत्कालीन सहायक अमरेश कुमार की गिरफ्तारी हुई है। अमरेश कुमार रिटायर्ड होने के बाद तत्काल इसी विश्विद्यालय में अकाउंट हेड के तौर पर काम कर रहे थे। यह मामला बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, झाडखंड सहित कई राज्यों से जुड़ा है। सभी आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है और शीघ्र ही अन्य सभी की गिरफ्तारी की जायेगी।
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