आज से बदल गया मौसम, थम गया बारिश का दौर, गर्मी इतनी कि छांव भी छांव तलाशने लगी

बिहार मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर, बिफोर प्रिंट। उत्तर बिहार में आज से फिर मौसम बदल गया। सुबह से ही सूर्य की तीक्ष्ण किरणें बदन जलाने लगी।आसमान में बादलों का कहीं नामोनिशान नहीं था। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा एवं भारत मौसम विभाग के सहयोग से 6 से 10 अगस्त तक के लिए मध्यावधि मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। पूर्वानुमान के अनुसार कल से 10 अगस्त तक उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाए रहे सकते हैं। मौसम मुख्यत:शुष्क रहेगा। कहीं-कहीं हल्की बर्षा होने की सम्भावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमिन 32से34डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की सम्भावना है।

मौसमीय वेधशाला पूसा के आकलन के अनुसार पिछले तीन दिनों का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 33.8 एवं 25.7 डिग्री सेल्सियस रहा। औसत सापेक्ष आर्द्रता 93 प्रतिशत सुबह में एवं दोपहर में 73 प्रतिशत, हवा की औसत गति 35 कि०मी० प्रति घंटा एवं दैनिक वाष्पण 3.4 मि०मी० तथा सूर्य प्रकाश अवधि औसतन 3.3 घन्टा प्रति दिन रिकार्ड किया गया तथा 5 से०मी० की गहराई पर भूमि का औसत तापमान सुबह में 30.6 एवं दोपहर में 38.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पूर्वानुमानित अवधि में पूरवा हवा चलने का अनुमान है औसतन 8-10 कि०मी० प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 55 से 65 प्रतिषत रहने की संभावना है।

•अगात बोयी गई अरहर की फसल में निकोनी तथा छटनी करे। सितंबर अरहर के लिए खेत की तैयारी करें। परवल की राजेन्द्र परवल-1 राजेन्द्र परवल 2 एफ०पी०एफ०पी० 3 स्वर्ण रेखा, स्वर्ण अलौकिक, आई०आई०मी०आर०- 12.105 किस्मों की रोपनी करें। बीज दर 2500 गुच्छियाँ प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दूरी 2×2 मीटर रखें। परवल की रोपाई के लिए प्रति गढ़वा कम्पोस्ट 3 से 5 किलो ग्राम, नीम या अंडी की खल्ली 250 ग्राम, एस0एस0पी0 100 ग्राम, म्यूरेट ऑफ पोटाप 25 ग्राम एवं थिमेट 10 से 15 ग्राम का व्यवहार करें। परवल के अच्छे फलन के लिए 5 प्रतिशत नर पौधे की रोपाई अवश्य करें।

•फूलगोभी की अगात किस्में कुँआरी, पटना अर्ली, पूसा कतकी, हाजीपुर अगात, पूसा दिपाली की रोपाई करें। खेत की तैयारी के समय 20 से 25 टन सड़ी गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 60 से 80 किलोग्राम फॉस्फोरस, 40 से 60 किलोग्राम पोटाप प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। बोरान तथा मॉलिब्डेनम तत्व की कमी वाले खेत में 10-15 किलो ग्राम बोरेक्स तथा 1-2 किलोग्राम अमोनियम नालिब्डेट का व्यवहार करे।

•जिन किसान भाई का प्याज का पौध 45-60 दिनों का हो गया हो वे पक्ति से पक्ति की दूरी 15 से०मी० पौध से पौध की दूरी 10 से०मी० पर रोपाई करें। खेत की तैयारी के समय 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद, 60 किलोग्राम नेत्रजन 80 किलोग्राम स्फुर एवं 80 किलोग्राम पोटाप के साथ 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें। प्याज के पौध की रोपाई के लिए खेतो को समतल कर छोटी-छोटी उचली क्यारियों बनायें, जिसकी चौड़ाई 2 मीटर एवं लम्बाई 3 से 5 मीटर तक रख सकते हैं प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकास हेतु नालियाँ अवश्य बनायें।

•पपीता की नर्सरी उथली क्यारियाँ (10-15 सेन्टी मीटर ऊँची) में बोयें। इसके लिए उन्नत प्रमेद पूसा ड्वार्फ पूला नन्हा, पूसा डीलीसीयस सी०ओ०- 07, सुर्या एवं रेड लेडी है। बीजदर 300-350 ग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बीज को वैविस्टन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित कर क्यारियों में 07–10 सेन्टीमीटर की दूरी पर बोयें।

•फुलगोभी की मध्यकालीन किस्में अगहनी पूती पटना मेन, पूसा सिन्थेटिक 1, पूसा शुभा, पूसा शरद पूसा मेघना, काषी कुवॉरी एवं अर्ली स्नोबॉल किस्मों की बुआई नर्सरी में करें उपचारित बीज उथली क्यारियों में पक्तियों में गिराये।

•हल्दी, अदरक, ओल और बिगत माह बोयी गई बरसाती सब्जियों में आवश्यकतानुसार निकाई-गुड़ाई करें इन फसलों में कीट व्याधि का निरीक्षण करते रहें।

•लीची के लिए, मई के अन्त में पकने वाली किस्में जैसे देवी, शाही, अली वेदाना, देहराराज, पूर्वी तथा रोज सेण्टेड, जून के आरंभ में पकने वाली किस्में जैसे- कसवा, सबौर वेदाना, चाईना तथा लेट बेदाना, जून के मध्य में पकने वाली किल्ले जैसे- कसैलिया, लौगिया, सर्वणरुपा, सबीर मधु सबीर प्रिया आदि हैं। उपजाऊ मिट्टी में 10X10 मीटर की दूरी पर पौधों की रोपाई करें।

फलदार एवं वानिकी पौधों को लगाने का यह समय अनुकुल चल रहा है। किसान भाई अपने पसंद के अनुसार अलग-अलग समय में पकने वाली आम की किस्मों का चयन कर सकते है। मई के अन्त से जून माह में पकने वाली किस्में मिठुआ, गुलाबखास, बम्बई एलफॉन्जों, जड़दालू, जून माह में पकने वाली किस्मे लंगड़ा (मालदह ) हेमसागर, कृष्णमोग, अमन दपहरी, जुलाई माह में पकने वाली किस्में फजली, सुकुल, सिपिया, तैमूरिया, अगस्त में पकने वाली किस्में समरवहित, चौसा, कतिकी है। आम के संकर किस्मों के लिए महमूद बहार, प्रभाषकर, अम्रपाली, मल्लिका, मंजीरा, मेनिका, सुन्दर लंगडा राजेंद्र आम-1, रत्ना, सबरी, जवाहर सिंधु अर्का, अरुण, मेनका, अलफजली, पूसा अरुणिमा आदि अनुपसित है कलमी आम के लिए पौधा से पौधा की दूरी 10 मीटर, बीजु के लिए 12 मीटर रखे आम्रपाली किस्म की सघन बागवानी हेतु पौधों को 2.5X2.5 मीटर की दूरी पर लगा सकते हैं।