पटना, बीपी डेस्क। पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय के सभी विश्वविद्यालय स्तर के पदाधिकारीगण, प्राध्यापक एवं सभी सम्बद्ध तथा अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा प्राध्यापक के साथ एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी. इस कार्यषाला में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मुख्य अतिथि थे। इसके अलावा दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग असंगबा चुबा आओ, सचिव, षिक्षा विभाग तथा पाटलीपुत्र विष्वविद्यालय, नालंदा खुला विष्वविद्यालय एवं पटना विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद थें.
कुलसचिव द्वारा पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना काल से की गयी गतिविधियों का विवरण दिया गया. इसके बाद बिहार राज्य उच्चतर षिक्षा परिषद् के डॉ. एनके अग्रवाल एवं डॉ गौरव सिक्का के द्वारा NAAC के तहत वर्तमान में पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय अंतर्गत महाविद्यालयों की स्थिति से अवगत कराया गया तथा NAAC के ग्रेडेशन में कैसे सुधार लाया जाय, इस पर प्रस्तुतीकरण दिया गया.
इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों का यह बहाना नहीं चलेगा कि शिक्षकों की कमी है या विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं. मौजूदा शिक्षक छात्रों को ठीक से नहीं पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई नियुक्तियां की जाएगी, लेकिन जब तक शिक्षक छात्रों को ढंग से नहीं पढ़ाएंगे, उसका क्या लाभ होगा? शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई की रोज माॅनीटरिंग करने का फैसला लिया है.
विजय कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग शिक्षकों की स्थायी तौर पर कमी को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है. लेकिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भी ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों के लिए एक ऐसा ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाएंगे, जिससे रोजाना किसने कितनी कक्षाएं ली, क्या पढ़ाया गया, कितने बच्चे आये, इनकी जानकारी शिक्षा विभाग मिलेगी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल में विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के अधिकार विश्वविद्यालयों को दे दिये हैं. जिस विषय के शिक्षक कम हैं, उनकी नियुक्ति करें. इसमें दिक्कत क्या है? शिक्षकों की कमी की बात बेमानी है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. इसको सरकार पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों को अब हम स्थायी संबंधन दे रहे हैं. लेकिन उन्हें ईमानदारी से पढ़ाना होगा.
विजय चौधरी ने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि विद्यार्थी कक्षाओं में नहीं पहुंचते हैं. जब शिक्षक कक्षा में पहुंचेंगे, तो बच्चे कक्षा में जरूर आयेंगे. उन्होंने कहा कि विवि को शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए जो अनुदान दिया जा रहा है, वह उन्हें समय पर नहीं मिल रहा. यह अक्षम्य लापरवाही है. यह बड़े दुख की बात है कि विवि प्रोत्साहन राशि का सत्यापन भी नहीं कर रहे हैं.