स्टेट डेस्क/ पटना। नेता प्रतिपक्ष बनते ही विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा स्पीकर से अपना तल्ख तेवर दिखाया है। सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि कल के विशेष सत्र में सरकार को उन दो प्रतिवेदनों को सदन के पटल पर रखना होगा, जिसे सदन की कार्यसूची से अचानक बदल दिया गया था।
इस दौरान उन्होंने कहा कि विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने सरकार से मांग की है कि कल के सत्र के दौरान विधानसभा की समिति का प्रतिवेतन और आचार समिति के रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखकर उसपर विशेष चर्चा की जाए। कल सदन की कार्यसूची में अचानक बदलाव कर दिया गया था। उन्होंने सरकार से पूछा है कि विधानसभा की समिति का प्रतिवेतन सदन के समक्ष क्यों नहीं रखा गया। बार बार कहने के बावजूद प्रतिवेदन को सदन के पटल पर नहीं रखा गया।
कल सदन की कार्यसूची में इसे जोड़ने के लिए विधानसभा सचिव और संसदीय कार्य मंत्री को पत्र भेजा है। यह मामला विधानसभा के अंदर आया था और घोटाला से संबंधित था। इसकी जांच के लिए विशेष समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट आ गई है, जिसे सदन के पटल पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब सरकार भ्रष्टाचार में जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो इसे सदन के पटल पर रखने में क्या परेशानी है।
उन्होंने कहा कि दूसरा प्रतिवेदन आचार समिति का है, जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत कई मंत्री के उपर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। सरकार कहती है कि अपराध मुक्त बिहार बनाएंगे, तो न्याय होना चाहिए। जिसने भी संवैधानिक नियमों को तार तार किया है ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी और संवैधानिक संस्थाओं की गरीमा नहीं बचाई जाएगी तो लंबी लंबी बात करने से लोगों का विश्वास नहीं जगेगा। संवैधानिक पद पर बैठे लोग अपने पद की गरिमा बरकरार रखें।
सदन के अंदर संविधान के ज्ञाताओं ने जिस तरह से संविधान का पाठ पढ़ाने का काम किया लेकिन हमने संयम रखा। सदन के नेता के सम्मान में कोई कमी नहीं रखी। नेता प्रतिपक्ष हो या नेता सदन हो सभी का सम्मान मर्यादा के तहत होनी चाहिए। सदन में न तो कोई चाचा है और ना ही भतीजा, न कोई बच्चा है और ना कोई बड़ा।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार के दबाव में जो प्रतिवेदन सदन के समक्ष लाया जाना था उसे रोक दिया गया। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष पर प्रतिवेदन को रोकने का आरोप लगाया। बिहार की जनता की एक एक समस्या को एक मजबूत विपक्ष के तौर पर सदन तक पहुंचाने का काम करेंगे। सरकार को एक एक पाई का हिसाब देना होगा।
सरकार अगर मानती है तो ठीक है नहीं तो इसे सड़क से सदन तक लेकर जाएंगे। सम्राट चौधरी ने बिना तेजस्वी यादव का नाम लिए कहा कि एक थकाऊ सीएम के बगल में बैठकर बिहार का सुपर सीएम धमका रहा है।
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