जानिए सुंदरकांड का धार्मिक महत्त्व

डेस्क। सुंदर कांड वास्तव में हनुमान जी का कांड है। हनुमान जी का एक नाम सुंदर भी है। सुंदर कांड के लिए कहा गया है- सुंदरे सुंदरे राम: सुंदरे सुंदरीकथा।सुंदरे सुंदरे सीता सुंदरे किम् न सुंदरम्।। सुंदर कांड में मुख्य मूर्ति श्री हनुमान जी की ही रखी जानी चाहिए। इतना अवश्य ध्यान में रखना चाहिए […]

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प्रसंग : अंतिम सांस गिन रहे जटायु ने कहा कि मुझे पता था कि मैं रावण से नही जीत सकता लेकिन फिर भी मैं लड़ा…..

DESK : अंतिम सांस गिन रहे जटायु ने कहा कि मुझे पता था कि मैं रावण से नही जीत सकता लेकिन फिर भी मैं लड़ा यदि मैं नही लड़ता तो आने वाली पीढियां मुझे कायर कहतीं। जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले तो मृत्यु आई और जैसे ही मृत्यु आयी तो गिद्धराज […]

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रामनवमी पर विशेष : सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्री राम से भरत ने कहा, एक बात पूछूँ भईया?……फिर

Desk : एक दिन (संध्या के समय) सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्री राम से भरत ने कहा, एक बात पूछूँ भईया? माता कैकई ने आपको वनवास दिलाने के लिए मँथरा के साथ मिल कर जो ‘षड्यंत्र’ किया था, क्या वह राजद्रोह नहीं था? उनके ‘षड्यंत्र’ के कारण एक ओर राज्य के […]

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डाक्टर्स-डे स्पेशल : बिफोर प्रिंट के पाठकों के लिए प्रस्तुत है, बर्तोल ब्रेख्त की एक कविता- डॉक्टर के नाम एक मज़दूर का ख़त

ब्रह्मानन्द ठाकुर।बर्तोल ब्रेख्त का जन्म 1898 में जर्मनी के आगसबुर्ग प्रांत के बाबेरिया में हुआ था। बीसवीं सदी के एक प्रसिद्ध जर्मन कवि, नाटककार और नाट्य निर्देशक थे। द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद ब्रेख्त ने अपनी पत्नी हेलेन विगेल के साथ मिलकर बर्लिन एन्सेंबल नाम से एक नाट्य मंडली का गठन किया और यूरोप के विभिन्न […]

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फादर्स-डे स्पेशल : पिता को समझने में लग जाते हैं 60 साल

पुलिन त्रिपाठी।वो ज़ाफरानी पुलोवर उसी का हिस्सा है, कोई दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे।बशीर बद्र साहब का यह शे’र वैसे तो हर शख्शियत के लिए मुनासिब है। मगर बात की जाए पिता की तो शायद इसकी खूबसूरती दोबाला हो जाती है।संस्कृत का एक श्लोक है-पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परम तपः।पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते […]

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कबीर दास जयंती : उनके दोहों में पाखंडवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता पर कड़ा प्रहार है- राजकुमार चौधरी

मान्यता है कि आज कबीर दास जी की जयंती है। उनके दोहों में पाखंडवाद, जातिवाद और सांप्रदायिकता पर कड़ा प्रहार है। कबीर कहते हैं,“पत्थर पूजे हरी मिले,तो मैं पूजूँ पहाड़घर की चाकी कोई ना पूजे,जाको पीस खाए संसार।”और ये उस समय जब ब्राह्मणवाद का भयंकर बोलबाला था। इसी तरह,“पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ,पंडित भया न […]

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एक टिप्पणी पर अन्तर्राष्ट्रीय इस्लामिक देशों का संकेत क्या कहता है?

विद्यासागर त्रिपाठीभाजपा के दो निलम्बित प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल द्वारा एक टीवी डिबेट में एक समसामायिक पैनलिस्ट को जबाब देते हुये पैगंबर मोहम्मद पर जिस तरह की उन्होंने तथाकथित विवादित टिप्पणी की थी उसको लेकर अब तक कई इस्लामिक देश आपत्ति जता चुके हैं, इनमें कतर,कुवैत,सऊदी अरब, ईरान, इराक, ओमान, यूएई, जॉर्डन,बहरीन, मालदीव, लीबिया और इंडोनेशिया सहित […]

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May-Day : जानिए आखिर पूरी दुनिया में क्यों मनाया जाता है पहली मई को मजदूर दिवस

सेंट्रल डेस्क/पुलिन त्रिपाठी। हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे, इक बाग नहीं, इक खेत नहीं, हम सारी दुनिया मांगेंगे। यह फिल्मी तराना भले ही पुराना है पर हर साल जैसे ही पहली मई आती है तमाम पुराने भारतीय मजदूर इन लाइनों को गुनगुनाने लगते हैं। वजह है कि इस दिन पूरे विश्व […]

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राष्ट्रकवि दिनकर की 48वीं पुण्यतिथि पर विशेष : विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर

ब्रह्मानन्द ठाकुर-जी हां ,विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर ! हालाकि मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण पर टिकी इस  पूंजीवादी व्यवस्था के संचालक , आधुनिक राष्ट्रवादियों को दिनकर जी के प्रति मेरा यह संबोधन नागवार लग सकता है लेकिन कवि के इस विशेषण की सार्थकता स्वयं उन्हीं की पंक्तियां – प्रतिपादित करती हैं- ‘शांति नहीं तबतक, […]

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शहादत दिवस पर विशेष : शोषणमुक्त, वर्ग विहीन समाज व्यवस्था स्थापित होने तक भगत सिंह याद किए जाते रहेंगे

 ब्रह्मानन्द ठाकुर : आज भगत सिंह ,राजगुरु और सुकदेव का 91 वां शहादत दिवस है। 1931  मे आज ही के दिन लाहौर सेन्ट्रल जेल में देश के इन तीन महान सपूतों को फांसी दी गई थी। भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गैर समझौतावादी धारा के जांबाज सिपाही थे। उनका उद्देश्य आजादी हासिल करने के […]

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