100वीं जयंती पर विशेष : औद्योगिक पूंजीवाद की यथार्थपरक तस्वीर कविताओं में उकेरने वाले कवि मदन वात्सायन
ब्रहमानन्द ठाकुर। तीसरा सप्तक के कवि मदन वात्स्यायन की आज 100 वी जयंती है और हमारी साहित्यिक बिरादरी मौन है। शायद उसकी रुचि नहीं या फुर्सत नहीं कि वह अपनी माटी से जुडे तीसरे सप्तक के कवि जिन्होने अपनी कविताओं के माध्यम से औद्योगिक पूंजीवाद की विकृतियों की झलक दिखाई थी। लिहाजा मैने मदन वात्सायन […]
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