‘भारतीय मीडिया सिर्फ ‘गोदी’ ही नहीं है, वह एक ही तरह के वर्ण-वर्चस्व से ग्रस्त होने के कारण विविधता-विहीन भी है!’
कुलदीप नैयर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से नवाजे गये देश के जाने-माने पत्रकार उर्मिलेशहमारे मीडिया के बडे हिस्से का लोकतंत्र और संविधान को लेकर न तो गहरी प्रतिबद्घता है और न ही उसके जेनुइन सरोकार हैं मीडिया स्वामित्व के प्रश्न पर संसद में 2013 में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से सम्बद्ध संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट […]
Continue Reading