Chhapra : फाइलेरिया से बचाव को लेकर साल में एक बार ही खिलानी होगी दवा

छपरा न्यूज़

•जिले में चलेगा दवा सेवन कार्यक्रम अभियान
•आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर खिलायेंगी दवा

Chhapra : जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास जारी है। फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाना है। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलायेंगी। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया रोधी दवाओं के सही डोज़ के संबंध में एक नया दिशा -निर्देश जारी किया गया है। भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार फाइलेरिया से बचाव और रोकथाम के लिए साल में एक बार ही फाइलेरिया रोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमैकटिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन पर्याप्त है। इस संबंध में फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी सह अपर निदेशक डॉ. विपिन कुमार ने सभी डीएमओ को पत्र जारी किया है। जारी पत्र में बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त जानकारी के अनुसार कहीं-कहीं फाइलेरिया रोधी दवाओं के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। इसको ले एक सार्वभौम दिशा-निर्देश जारी किया गया है। जिसके अनुसार भविष्य में कभी भी किसी सरकारी पदाधिकारी के द्वारा अपने स्तर पर फाइलेरिया रोधी दवाओं के संबंध में किसी प्रकार के भ्रामक या गलत जानकारी का प्रचार-प्रसार नहीं हो यह सुनिश्चित करना है।

फाइलेरिया के मरीजों को भी साल में एक बार दवा सेवन करना पर्याप्त:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि हाथी पांव एवं हाइड्रोसील फाइलेरिया के संक्रमण से होने वाले दुष्प्रभाव हैं। इस तरह के व्यक्तियों को भी साल में एक बार ही भारत सरकार के गाइडलाइन के आधार पर फाइलेरिया रोधी दवाओं अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवर मैकटिन या अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन करना पर्याप्त है। बिहार सरकार लिम्फेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) के उन्मूलन हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस रोग से बचाव के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इस बार पूरे देश में 10 फरवरी को एमडीए का मेगा लॉन्च होगा।

फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित:
फ़ाइलेरिया उन्मूलन के तहत वर्ष में एक बार चरणबद्ध तरीके से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कार्यक्रम चलाया जाता है। फ़ाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। रक्तचाप, शुगर, अर्थराइटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं। सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद हैं, जोकि दवा खाने के बाद कीटाणुओं के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं।

बरतें यह सावधानी:
ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग में या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो यह फाइलेरिया होने के लक्षण हैं। तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू करवाएं।

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