• आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कर रही हैं नवजात शिशुओं की देखभाल
• शत-प्रतिशत व गुणवत्तापूर्ण गृह भ्रमण का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश
• सारण में 86.7 प्रतिशत नवजात शिशु का गृह आधारित देखभाल किया गया
छपरा,17 मार्च । स्वास्थ्य विभाग की स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाना सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। ऐसे में जिले में स्वास्थ्य विभाग के गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर जन्म के बाद 42 दिनों तक नवजात शिशुओं की देखभाल करती हैं । अगर किसी शिशु को स्वास्थ्य संबंधित समस्या होती है तो उसे स्वास्थ्य केंद्र में रेफर करती हैं।
ऐसे में गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए शिशु स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विजय प्रकाश राय ने पत्र जारी कर सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि समीक्षा के दौरान कई जिलों में एचबीएनसी कार्यक्रम को लक्ष्य के अनुरूप नहीं किया गया है। इससे नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में कठिनाई होगी। जिसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
जिले में 86.7 प्रतिशत नवजात शिशुओं का किया गया देखभाल:
जिले में एचएमआईएस पोर्टल के आंकड़ा के अनुसार अप्रैल 2022 से लेकर दिसंबर 2022 तक 49,261 नवजात शिशुओं का जन्म हुआ। एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत 42,725 नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण किया गया। यानि जिले में कुल 86.7 प्रतिशत नवजात शिशुओं को एचबीएनसी कार्यक्रम का लाभ मिला है। वहीं 589 कमजोर नवजात शिशुओं की पहचान की गयी है। जिसमें 81 कमजोर नवजात को स्वास्थ्य केंद्र में रेफर किया गया।
प्रसव उपरांत बच्चों की गृह आधारित देखभाल महत्वपूर्ण:
शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रसव के उपरांत नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल को महत्वपूर्ण माना गया है। जिसको देखते हुए संस्थागत प्रसव के मामले में शुरुआती दो दिनों तक मां व नवजात को अस्पताल में ही रहने की सलाह दी जाती है। गृह प्रसव के मामलों में तो शिशुओं की बेहतर देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाती है। शिशु जन्म के शुरुआती 42 दिन अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
एचएनबीसी कार्यक्रम के तहत संस्थागत प्रसव की स्थिति में आशा कार्यकर्ता जन्म के 3, 7, 14, 21, 28 व 42 दिनों पर कुल छह बार व गृह भ्रमण करती हैं। वहीं, गृह प्रसव के मामले में 1, 3, 7, 14, 21, 28 व 42 वें दिन कुल सात बार गृह भ्रमण करती हैं। सभी नवजात को आवश्यक देखभाल सुविधा उपलब्ध कराना व जटिलताओं से बचाना एचएनबीसी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। समय पूर्व जन्म व कम वजन वाले बच्चों की पहचान व उनकी विशेष देखभाल करते हुए किसी बीमारी का शीघ्र पता लगाते हुए उपचार सुनिश्चित कराना साथ ही संबंधित परिवारों को आदर्श स्वास्थ्य व्यवहार के लिये प्रेरित किया जाएगा।