फाइलेरिया उन्मूलन के एमडीए अभियान को बनाना होगा जन-आंदोलन : डॉ. दिलीप

छपरा न्यूज़

•जिले में 43 लाख लाभार्थियों को घर-घर जाकर खिलायी दवा
•जन-समुदाय को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण
•एमडीए अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन

Chhapra: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान को जन-आंदोलन बनाने की जरूरत है। एमडीएम अभियान तभी सफल होगा जब इसमें समुदाय के सभी लोग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने आयोजित एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला के दौरान कही। जिला मलेरिया कार्यालय में एमडीए अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विधिवत शुभारंभ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने किया। इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार ने कहा कि जिले में 10 से 24 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चलेगा। इसको लेकर माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है।

जिले में 43 लाख लोगों को फाइलरेयिा से बचाव की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रखंड स्तर पर जोन बनाकर टीम गठित किया गया है। उन्होने कहा कि 2 हजार टीम बनाया गया है। जिसमें 4000 स्वास्थ्यकर्मी, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, वॉलेंटियर शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दवा को कोई भी नुकसान नहीं होता है। सभी लोग इस दवा का सेवन करें। दवा खाने से फाइलेरिया से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है। इस मौके पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, भीबीडीसी सुधीर कुमार, अनुज कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार, पीसीआई के आरएमसी सत्यप्रकाश, सीफार के प्रमंडलीय कार्यक्रम समन्वयक गनपत आर्यन, डीसी रितेश राय, बीसी रंजीत कुमार, नवीन कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन:
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा की डोज उम्र के अनुसार दी जाएगी। दवा खाली पेट नहीं खानी है और इसे स्वास्थ्यकर्मी के सामने ही खाना आवश्यक है। यह दवाएं निःशुल्क जनसमुदाय को खिलाई जाएंगी और इसका सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी को करना है। दवा खाने से जब शरीर में परजीवी मरते हैं तो कई बार सिरदर्द, बुखार, उलटी जैसी प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। इनसे घबराना नहीं है और आमतौर पर यह स्वतः ठीक हो जाते हैं। अगर किसी को ज्यादा दिक्कत होती है तो आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ब्लॉक रिस्पांस टीम को सूचित कर सकता है।

दवा पूरी तरह सुरक्षित:
केयर इंडिया के डीपीओ आदित्य कुमार ने जिलेवासियों से भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाने वाली दवा का सेवन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले लोगों के शरीर में भी फाइलेरिया रहती है और 14-14 वर्ष बाद भी इसका असर शुरू होता है। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए लोगों को लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन करना आवश्यक है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है।

घरों की होगी मार्किंग:
भीबीडीसी सुधीर कुमार ने कहा कि एमडीए अभियान के दौरान दवा खिलाने वाली आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा घरों की मार्किंग की जायेगी। ताकि जाँच टीम को इस बात की जानकारी मिल सके कि इस घर के लोगो को दवा खिलाया जा चुका है।