• पोषण वाटिका से प्रतिदिन निकलती है 2-3 किलो सब्जी
• बच्चों को खिलायी जाती है पौष्टिक साग-सब्जी
• 300 वर्ग फीट में बनायी गयी पोषण वाटिका
Chapra, Vipin : बच्चों, किशोर-किशोरी, गर्भवती व धात्री महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन, कैल्सियम, आयरन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का मिलना बहुत जरूरी होता है। पोषक तत्वों से भरपूर खानपान को अपनाने पर ही एक सुपोषित समाज की परिकल्पना की जा सकती है। सुपोषित समाज की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से सारण जिले के गड़खा प्रखंड के सरगटी पंचायत के अलोनी में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण वाटिका बनायी गयी है। आईसीडीएस के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र मांझी के सहयोग से पोषण वाटिका बनायी गयी।
यह पोषण वाटिका 300 वर्ग फीट में बनायी गयी है। सेविका सीता देवी के द्वारा गांव में ग्रामीणों के बीच पोषण पर चर्चा की जा रही तथा पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि घर के आस-पास खाली जगह हो तो वहां पर हरी साग-सब्जियां उगायें और अपने बच्चों व घर की गर्भवती महिलाओं को सब्जी का सेवन कराएं। कुपोषण को मिटाने में पोषण वाटिका सार्थक सिद्ध है। सेविका के द्वारा ग्रामीणों को बीज भी उपलब्ध करायी गयी है।
प्रतिदिन 2 से 3 किलो सब्जी का उत्पादन:
गड़खा प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 152 की सेविका सीता देवी ने बताया कि पोषण वाटिका आज से करीब 6-7 माह पहले बनायी गयी थी । मांझी कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा बीज उपलब्ध करायी गयी है। पोषण वाटिका में मुख्य रूप से नेनुआ, मिर्ची, भिंडी, बैगन, सेम आदि सब्जी उगायी जा रही है। प्रतिदिन 2 से 3 किलो सब्जी का उत्पादन होता है। इस सब्जी को बच्चों की थाली में परोसी जाती है। यहां पर 25 बच्चें नामांकित है, लेकिन प्रतिदिन 30 से 35 बच्चे आते हैं। पोषण वाटिका का मुख्य उद्देश्य लोगों में मौसमी सब्जियों की उपयोगिता, बच्चों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना व सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व, प्रोटीन की मात्रा, कार्बोहाइड्रेट की मात्रा व वसा की मात्रा आदि के विषय में जानकारी बढ़ाना है।
क्या कहती हैं डीपीओ:
डीपीओ अनुपमा सिन्हा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में स्वस्थ और पोषक आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण वाटिका बनाई गई है, ताकि यहां आने वाले बच्चों, महिलाओं को भोजन के साथ पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जियां मिल सके। आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में पौष्टिक साग-सब्जी उगाकर उन्हें भोजन के साथ परोसा जा रहा है।
पोषण वाटिका निर्माण का उद्देश्य:
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि पोषण वाटिका निर्माण का उद्देश्य बच्चों एवं गर्भवती माताओं में एनीमिया और कुपोषण को दूर करना है, ताकि कुपोषण मुक्त एवं स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके। माना जाता है कि कुपोषण से लड़ने के लिए पौष्टिक आहार सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं। पौष्टिक आहार में भी हरी पत्तेदार सब्जियां एवं फल अति आवश्यक तत्व हैं।
मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में शुमार है यह सेंटर:
आंगनबाड़ी केंद्र का नाम सुनते ही अमूमन हमारे मन में एक जर्जर भवन अथवा झोपड़ी की तस्वीर आ जाती है, जहां झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चे नजर आते हैं। लेकिन जब वही आंगनबाड़ी केंद्र सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस हो एवं खूबसूरत पेंटिग से चकाचक करता नजर आए तो आप क्या कहेंगे। केंद्र का भवन रंग रोगन कर खूबसूरत बना दिया गया है। भवन के अंदर की दीवारों पर तरह-तरह के कार्टून बनाए गए हैं जो बच्चों को सहज ही लुभा रहे हैं। यहां पर बच्चों को खेलने और पढ़ने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं । शौचालय और पीने के पानी की भी व्यवस्था है। खेलने के लिए खिलौना भी रखा गया है।