ईंट भट्‌टा पर काम करने वाले मजदूरों को भी खिलायी जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा: डीएम

छपरा न्यूज़

•10 फरवरी से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की तैयारियों की डीएम ने की समीक्षा
•सभी प्रखंडों में माइक्रोप्लान बनाना सुनिश्चित करें
•अभियान को सफल बनाने के लिए अंर्तविभागीय समन्वय स्थापित करें

Chhapra : जिले में 10 से फाइलेरिया से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाना है। इसको लेकर शनिवार को सारण समाहरणालय में जिलाधिकारी राजेश मीणा ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान जिला वेक्अर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने तैयारी के संबंध में अवगत कराया। पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि अभियान के तहत उन क्षेत्रों में विशेष फोकस करना है जहां पर मजदूर, घूमंतु रहते है। ईंट भट्‌टा पर कार्य करने वाले मजदूरों को भी दवा खिलाना सुनिश्चित करें। अभियान को सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर माइक्रोप्लान तैयार करें इसके साथ सुपरविजन प्लान भी बनाना जरूरी है। डीएम ने कहा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अंर्तविभागीय स्मनवय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। अभियान की शुरूआत से पर सभी विभागों की बैठक सुनिश्चित की जाये। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है।

फाइलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य की एक गंभीर समस्या है। यह जान तो नहीं लेती है, लेकिन जीवन को बोझिल एवं कष्टकारी जरुर कर देती है। समान्यत: इसे हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। इससे बचाव के लिए जिले में सर्वजन दवा सेवन अभियान 10 फरवरी चलाया जायेगा। जिला पदाधिकारी राजेश मीणा ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा है कि इस अभियान में सहभागी बने और दवा का सेवन करें इसके साथ ही अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी दवा सेवन के प्रति प्रेरित करें। आप सभी दवा सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सामने ही करें, ताकि हमारे समाज से फाइलेरिया को खत्म किया जा सके। आशा कार्यकर्ता घर-घर दवा खिलायेंगी। इस बैठक में जिलाधिकारी राजेश मीणा, प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, केयर इंडिया, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि शामिल थे।

जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन:
डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फ़ाइलेरिया की दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खिलानी है। विदित हो कि अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लोगों को दवा अपने सामने खिलाने की हिदायत दी गयी है ताकि दवा सेवन कार्यक्रम में एक भी व्यक्ति नहीं छूटे। दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती हैं। साथ ही दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट के प्रबंधन के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन भी किया गया है।

पूरी तरह से सुरक्षित है दवा का सेवन:
डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि फ़ाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है जिससे बचाव का एकमात्र रास्ता दवा का सेवन करना है। फ़ाइलेरिया क्युलेक्स नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसके कारण इंसान के शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाती है और वह चलने फिरने में भी लाचार हो जाता। रोग की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार फ़ाइलेरिया की दवा सेवन के लिये सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। फ़ाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति में लक्षण दिखाई देने में 10 से 15 वर्ष का समय लग सकता है। फ़ाइलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित है और इससे कोई नुकसान नहीं होता। इसलिए समुदाय के लोगों को आईडीए राउंड में दवा सेवन करने से संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईडीए-फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों की प्राप्ति सभी लक्षित लोगों द्वारा शत-प्रतिशत दवा सेवन करने से होगा।

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