बड़ी खबर : कोरोना के मामले महाराष्ट्र और केरल में बढ़े, जुलाई में होगा पीक : प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल

Coronavirus

कानपुर, बीपी डेस्क। महाराष्ट्र और केरल में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) में स्थापित रिस्क सर्विलांस सेंटर ने भी निगरानी शुरू कर दी है। सेंटर के प्रभारी पद्मश्री प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने इसे पुराने वैरिएंट का प्रसार बताया है। साथ ही दोनों राज्यों में जुलाई में ही कोरोना चरम पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। साथ ही देश में कोरोना प्रसार की सटीक जानकारी का अध्ययन एक हफ्ते में होने की उम्मीद जताई है।

प्रो. अग्रवाल ने कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के प्रसार की गति को अपने गणितीय सूत्र माडल के आधार पर बताया था। उनके आकलन के अनुसार तमाम राज्यों में सरकारों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी कदम भी उठाए थे। बाद में आइआइटी के कुछ प्रोफेसरों ने अन्य माडल के आधार पर कोरोना की चौथी लहर इसी माह जून में आने का अंदाजा लगाया, लेकिन प्रो. अग्रवाल ने चौथी लहर आने की संभावना से इन्कार किया था।

हाल ही में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा होने पर एक बार फिर प्रोफेसर अग्रवाल ने सूत्र माडल से अध्ययन शुरू किया है। यही नहीं, आइआइटी में उनके निर्देशन में स्थापित रिस्क सर्विलांस सेंटर के विज्ञानियों ने भी इसी माडल के आधार पर कोरोना के प्रसार की गति को मापना शुरू किया है।

प्रो. अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की चौथी लहर नहीं आई है। महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के पुराने वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसका कारण लोगों में नैचुरल इम्युनिटी (प्राकृतिक रूप से विकसित प्रतिरोधक क्षमता) में कमी को माना जा सकता है।

दोनों राज्यों में जुलाई में कोरोना का पीक आ सकता है। इसके बाद मामलों में कमी आनी शुरू हो सकती है। दिल्ली में अब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं और पूरे देश की स्थिति एक हफ्ते के बाद पता लग सकती है।