सेंट्रल डेस्क। आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दिल्ली सरकार में सरकारी काम करने के लिए रिश्वत की मांग थी। रिश्वत की कमाई गीता रावत के पास मूंगफली वाले के जरिए जाती थी। गीता रावत दिल्ली के सीएम मनीष सिसोदिया की विधानसभा वेस्ट विनोद नगर वॉर्ड से पार्षद हैं।
सीबीआई के मुताबिक गीता रावत छत बनवाने के एवज में पीड़ित से 20 हजार की मांग कर रही थीं। पीड़ित ने सीबीआई से इसकी शिकायत की। इसके बाद सीबीआई ने ट्रेप लगाकर पहले एक बिचौलियों को गिरफ्तार किया, जिसको पीड़ित ने 20 हजार रुपये दिए थे। ये बिचौलिया काउंसलर के दफ्तर के बाहर एक रेहड़ी लगाता है।
सीबीआई के मुताबिक घूस का ये पैसा गीता रावत को बिचौलिये के जरिये पहुंचना था। हालांकि सर्च सर्च जारी है।
मूंगफली वाले सनाउल्लाह के पिता को इस बात का पता चला कि उनके बेटे को किसी ने पकड़ रखा है तो वह दौड़ के निगम पार्षद के ऑफिस पर गए। वहां जब उन्होंने पूछा कि आपने मेरी बेटे को क्यों पकड़ा है तो उन्होंने कहा कि हम सीबीआई वाले हैं। अभी आपको पता चल जाएगा कि हमने आपके बेटे को क्यों पकड़ा है? उसके पिता को पता चला कि रिश्वत के पैसे सनाउल्लाह के जरिये निगम पार्षद गीता रावत के पास जाते थे।
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सीबीआई ने नोटों पर कलर लगाकर मूंगफली वाले को पैसे दिए, वही पैसे जब गीता रावत को देने गया तो सीबीआई ने रंगेहाथों पकड़ा। नोटों की जांच की गई तो वही नोट बरामद किए गए। सीबीआई ने सनाउल्लाह और निगम पार्षद गीता रावत को अपने साथ सीबीआई ऑफिस ले गई है और पूछताछ की जा रही है।