सेंट्रल डेस्क/दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए प्लास्टिक पर प्रतिबंध की बात लंबे समय से की जा रही है। सरकार और शासन की तमाम कोशिशों के बाद भी इसके परिणाम सकारात्मक नहीं आ रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब कड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अगले कुछ महीनों में दिल्ली में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी।
सीपीसीबी की मानें तो आगामी 1 जुलाई से दिल्ली में ऐसे किसी सामान का इस्तेमाल करने पर कार्रवाई होगी, जो सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में आते हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे प्लास्टिक के झंडों से लेकर ईयरबड तक कई उत्पादों के इस्तेमाल पर 1 जुलाई से पाबंदी लगाने का फैसला किया है। बोर्ड ने इसके उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। इसके तहत 30 जून से पहले दिल्ली में सिंगल यूज प्लास्टिक से बने सामान पर बैन लगाने का निर्देश दिया गया है।
एक बार इस्तेमाल होकर भी पहुंचाता है नुकसान, सीपीसीबी के मुताबिक एक बार ही यूज होने वाला यह प्लास्टिक पर्यावरण को न सिर्फ एक बार नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह लंबे समय तक हमारे वातावरण को प्रभावित करता है। यह आसानी से नष्ट नहीं होता और रिसाइकिल भी नहीं हो पाता है। प्लास्टिक के नैनो कण पानी में घुलकर जमीन को भी प्रदूषित करते हैं। अगस्त 2021 में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इस प्लास्टिक पर रोक को लेकर अधिसूचना जारी की थी। तब भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का निर्देश दिया गया था।
लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ, जिसके कारण एक बार फिर आगामी 1 जुलाई से इस नियम को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। सीपीसीबी ने सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्ट, दुकानदारों, ई-कॉमर्स कंपनियों, स्ट्रीट वेंडर, मॉल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हॉल, टूरिस्ट लोकेशन, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, अस्पताल व अन्य संस्थानों व आम लोगों को इन आइटमों के उत्पादन, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही है।
कहा गया है कि सभी 30 जून तक स्टॉक खत्म करें, ताकि एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाया जा सके। होगी सख्त कार्रवाई, सीपीसीबी का कहना है कि यह बहुत गंभीर समस्या है और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। ऐसे में इस नोटिस का सबको सख्त पालन करना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो सीपीसीबी की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें उत्पादों को सीज करना, पर्यावरण क्षति को लेकर जुर्माना लगाना, इनके उत्पादन से जड़े उद्यमों को बंद करना जैसी कार्रवाई शामिल होगी।
यह भी पढ़ें…