बड़ी खबर : राष्ट्रपति चुनाव होगा 18 जुलाई को, 21 जुलाई को मिलेंगे नए महामहिम

दिल्ली

सेंट्रल डेस्क। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के तारीख का ऐलान कर दिया है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे। 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख होगी। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा।

वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी। पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा। कल होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग कलम देगा। वहीं, इस दौरान राजनीतिक दल कोई व्हिप नहीं जारी कर सकते हैं। संसद और विधानसभाओं में वोटिंग होगी। राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के भी निर्देश दिए गए हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। राष्ट्रपति को चुनने के लिए आम लोग वोटिंग नहीं करते। इसके लिए जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि और उच्च सदन के प्रतिनिधि वोट डालते हैं।

जैसे दोनों सदनों के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे। इसके अलावा सभी राज्यों की विधानसभा के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग करते हैं। इसमें केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभा के सदस्य भी शामिल होते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन नहीं दे सकता वोट :
देश में राष्ट्रपति के चुनाव में जनता वोट नहीं कर सकती है। मनोनीत सदस्यों और विधान परिषद के सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं है।अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री विधान परिषद का सदस्य है तो वह भी राष्ट्रपति के चुनाव में वोट नहीं कर सकता है।

राष्ट्रपति चुनाव में एकल हस्तांतरणीय मत यानी सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए मतदान होता है। इसका मतलब यह हुआ कि राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा का एक सदस्य एक ही वोट कर सकता है। मतगणना दिल्ली में संसद भवन परिसर में होगी। इसके लिए मतपेटियां विधान सभाओं से कड़ी सुरक्षा में संसद भवन के strong room तक लाई जाएंगी।

विधानसभा भंग होने पर :
संविधान के अनुच्छेद 71 (4) में इस बात का उल्लेख मिलता है कि राष्ट्रपति पद का चुनाव किसी भी स्थिति में नहीं रुकेगा। अगर किसी राज्य की विधानसभा भंग हो गई है या कई राज्यों में विधानसभा सीटें रिक्त हैं तो भी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तय समय से ही होंगे।