Central Desk : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने का राष्ट्रवादी संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पुरजोर समर्थन किया है। मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता और एकीकरण सुनिश्चित कर, एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, भारत फर्स्ट और हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट की ओर से हार्दिक बधाई और धन्यवाद। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और उसके मुख्य संरक्षक वरिष्ठ आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने पहले ही पीएफआई पर प्रतिबंध की मांग की थी।
मंच का मानना है कि यह एक बड़ा ही महत्वपूर्ण फैसला है जो यदि यूपीए की सरकार ने लिया होता तो आज देश को पीएफआई की वजह से इतना नुकसान नहीं उठाना होता। मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए अनुरोध किया है कि, “आप सदैव राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के प्रहरी बने रहें, सतर्क रहें और सुनिश्चित करें कि पीएफआई अलग-अलग नाम और बैनर तले अपनी आतंकी गतिविधियां नहीं जारी रखने पाए।”
राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल और इस्लाम अब्बास का मानना है कि पीएफआई जैसी आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां हमेशा के लिए कुचल दी जानी चाहिए जो समाज में ज़हर की तरह हैं। मंच ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि प्रतिबंधित संगठन सिमी के काम को ही पीएफआई सन 2006 से वजूद में आने के बाद बढ़ाता रहा है, जिसकी समय समय पर सुरक्षा एजेंसियों को देशविरोधी होने के सबूत मिलते रहे। और आखिरकार आज देश के लिए बहुत बड़ा दिन है जब इस उग्रप्रस्त संगठन पर नकेल कसी गई है।
इस मौके पर भारत फर्स्ट के राष्ट्रीय संयोजक शिराज़ कुरैशी और हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट के राष्ट्रीय संयोजक महताब आलम का सरकार से आग्रह है कि पीएफआई के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए और सजा इतनी कठोरतम होनी चाहिए ताकि कोई भी संगठन भविष्य में सिमी या पीएफआई के रास्ते पर चलने की गुस्ताखी नहीं कर सके। राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर और अबु बकर नकवी ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का सरकार से आग्रह है कि गिरफ्तार पीएफआई नेताओं, कार्यकर्ताओं और जेहादियों पर जल्द से जल्द चार्जशीट दायर कर फास्ट ट्रैक कोर्ट से कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मंच का मानना है कि गृह मंत्रालय यथा संभव पीएफआई मुद्दे को उसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जायेगा तथा उन ताकतों को उपयुक्त सबक सिखाएगा जो भारत के आर्थिक, राजनीतिक और औद्योगिक विकास के खिलाफ हैं और देश के अमन, सकून को खत्म कर देना चाहते हैं। मंच का ये भी मानना है कि पीएफआई और उसका मॉड्यूल चलाने वाले लोग इस्लाम, मुसलमान और दीन को भी बदनाम करने की साजिश रचते हैं जबकि वास्तविकता यह है कि इस देश के आम मुसलमान देशप्रेमी और शांतिप्रिय हैं। मंच ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों, सभ्य समाज और आम नागरिकों से अपील की है कि देशविरोधी ताकतों का डट कर सामना करें और कहीं भी देशविरोधी विचारधारा और असमाजिक तत्वों के छिपे होने का आभास हो तो फौरन अपने नजदीकी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी को सूचना देनी चाहिए।