Beforeprint , Pulin Tripathi। अगर आप किसी Chinese App से लोन लेने जा रहे हैं। तो ठहरिये। यह खबर खास आपके लिये ही है। यह कंपनियां लोन तो बड़ी आसानी से पास कर देतीं हैं पर इसके बदले में आपको अपनी जेब पर डाका डलवाना पड़ सकता है। एक युवती तो कर्ज न चुका पाई तो उससे न्यूड होकर वीडियो कॉल करने की मांग रख दी गयी। आखिर आजिज़ आकर उसे अपनी जान देनी पड़ी।
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में, चीनी व्यक्तियों द्वारा “नियंत्रित” तत्काल ऐप-आधारित ऋण देने वाली कंपनियों के संचालन में कथित अनियमितताओं को लेकर रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु परिसरों पर छापेमारी के बाद आई है। बाद में उनके खातों में रखे गए 17 करोड़ रुपये की जब्ती का आदेश जारी किया गया।
14 सितंबर को दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, लखनऊ और गया में आरोपी के कई परिसरों में तलाशी शुरू की गई थी। ईडी ने इसी अभियान के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में बैंकों और पेमेंट गेटवे के सोलह परिसरों की भी तलाशी ली। ईडी का मामला, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जो नागालैंड में कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध इकाई द्वारा आरोपी कंपनी और उससे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ अक्टूबर 2021 की प्राथमिकी से उपजा है।
बता दे केवल गूगल प्ले-स्टोर पर क्विक और इंस्टैंट लोन देने वाले एप्स की संख्या 500 से अधिक है। इन एप्स ने कोरोना काल में लोगों की मजबूरियों का खूब फायदा उठाया है। इनमें से अधिकतर एप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ रजिस्टर्ड भी नहीं है। ऐसे में ये लोन देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं। सीधे शब्दों में कहें तो गूगल प्ले-स्टोर पर मौजूद क्विक लोन देने वाले सभी चाइनीज एप्स गैर-कानूनी रूप से काम कर रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है इनमें से प्रत्येक एप को कम-से-कम 10 लाख बार डाउनलोड किया गया है।