सेंट्रल डेस्क/नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद देशभर में मचे बवाल के बाद पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सामने आए हैं। उन्होंने अग्निपथ योजना को समय की मांग बताया है। उनके हिसाब से योजना को 20-25 साल पहले लागू होना था। राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण मामला टलता रहा। हमें आधुनिक हथियारों के साथ ही आधुनिक सेना भी चाहिए तभी सुरक्षित रहेंगे।
अजीत डोभाल ने कहा कि अब प्राथमिकता देश को सुरक्षित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत के चारों तरफ माहौल तेजी से बदल रहा है। हालात को देखते हुए संरचना में बदलाव जरूरी है। रक्षा क्षेत्र के हर स्तर पर सुधार हो रहा है।
सेना की आधुनिकता के लिए सरकार नए हथियार खरीद रही है। हमें अपनी सेना को भी विश्व स्तरीय बनाना है। जो हम कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये जरूरी नहीं। यदि हमें कल की तैयारी करनी है तो हमें बदलाव लाना पड़ेगा। अग्निपथ योजना की मांग 22-25 साल से लंबित थी।
डोभाल ने यह भी कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से यह फैसला रुका हुआ था। हालात को देखते हुए सैन्य संरचना में बदलाव करना होगा। हमें अपनी सेना को विश्व स्तरीय सेना बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि अग्निवीर कभी भी पूरी सेना का गठन नहीं करेंगे। जो अग्निवीर नियमित होते जाएंगे, वे गहन प्रशिक्षण से गुजरेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेजिमेंट की अवधारणा के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। रेजिमेंटल सिस्टम खत्म नहीं हुआ है।