CENTRAL DESK : गौतम अडानी की कंपनी अडानी समूह में एसबीआई और एलआईसी के निवेश को लेकर संसद में विपक्ष का हंमागा जारी है। वहीं आज पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम मजबूत है। बैंकिंग सिस्टम को कोई खतरा नहीं है। अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है। इस रिपोर्ट के कारण पिछले छह दिनों में अडानी समूह की कंपनियों को 46 फीसदी की नुकसान हुआ है। वहीं कंपनी का मार्केट कैप 876524 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं अडानी की कंपनियों में निवेश करने वाली भारतीय बैंकों और एलआईसी (LIC) को भी झटका लगा है। निवेशकों को भी चिंता सता रही है। इस मामले को लेकर संसद में भी खूब हंगामा हुआ। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अडानी मामले में पहली बार अपनी राय रखी है।
LIC और SBI के निवेश को लेकर तोड़ी चुप्पी
CNBC-TV18 के साथ इंटरव्यू के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण ने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम अच्छी स्थिति में है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एसबीआई और एलआईसी दोनों का अडानी समूह में निवेश सीमा के भीतर है। उन्होंने कहा कि बैंक और एलआईसी दोनों मुनाफे में है और निवेशकों को चिंता करने की जरूरत फिलहाल नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी समझ से अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई का निवेश तय सीमा के भीतर है । उन्होंने अडानी समूह में एसबीआई और एलआईसी के निवेश को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मै बताता चाहूंगी कि एसबीआई और एलआईसी दोनों ने संबंधित सीएमडी के साथ अपनी विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंक आज एनपीए के बोझ को कम करने में सफल रहे हैं और एक मजबूत स्थिति में है।
इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एसबीआई और एलआईसी की ओर से जानकारी दी गई है। दोनों ने स्पष्ट किया है कि वो ओवरएक्सपोज्ड नहीं हैं। दोनों की ओर से इस बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई है कि उनका एक्सपोजर अडानी समूह के शेयरों में लिमिट में है। उनके वैल्यूएशन में गिरावट के बाद भी वो अभी प्रॉफिट में हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय बैंकिंग सिस्टम एनपीए के बोझ को कम कर चुका है। बैंक दोहरे बैलेंसशीट मजबूत है। एनपीए और वसूली की स्थिति अच्छी है।