अग्निपथ मुद्दे पर तीनों सेना प्रमुखों की रक्षामंत्री के घर अहम बैठक जारी, दो बजे तक फैसला आने की उम्मीद

दिल्ली

सेंट्रल डेस्क। देश में अग्निपथ योजना के विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं। इसके बाद भी शनिवार को देश के तमाम हिस्सों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला रुक नहीं रहा है। खासतौर पर बिहार में। इन्हीं विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए रविवार को तीनों सेना के प्रमुखों की बैठक रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर अहम बैठक चल रही है। बैठक के नतीजे दोपहर दो बजे तक आने की उम्मीद है।

इसके पहले मंत्रियों के साथ तीनों सेना प्रमुखों ने नौजवानों को योजना के बारे में फैले भ्रम दूर करने का जिम्मा उठाया है। वहीं प्रशासनिक सख्ती भी बढ़ा दी गई है कि युवा हिंसा के रास्ते पर जाने से बच सकें। उधर बिहार से आ रही खबरों के मुताबिक कुछ नक्सली ग्रुप भी इन आगजनी की घटनाओं में शामिल होकर हिंसा को बड़ा रूप देने की साजिश में लगे हुए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि भर्ती में अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया गया है।

ताकि इस योजना का लाभ उन युवाओं को भी मिले जो कोरोना महामारी के कारण भर्ती की आवश्यक आयु से अधिक उम्र के हो चुके हैं। पहले बैच को यह छूट पांच साल की मिलेगी। सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के समय इन्हें 10 प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा। वहीं रक्षा मंत्रालय ने भी भर्तियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है। इसके पहले कल यानी शनिवार को थल सेना ने 48 घंटे में भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करने का ऐलान कर दिया है। 24 जून तक वायु सेना का नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा।

इस दौरान हिंसा कि आग ने तकरीबन 16 राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। कानपुर शहर को हिंसा की साजिश में झोंकने की साजिश का खुलासा प्रशासन ने कर लिया है। ‘बायकॉट टीओडी’ और ‘बायकॉट टुअर ऑफ ड्यूटी’ नाम से दो व्हाट्सएप ग्रुपों ने रामादेवी चौकी फूंकने और नौबस्ता-हमीरपुर रोड जाम लगाने का षड्यंत्र रचा था। जिसे पुलिस ने समय रहते ही ट्रेस कर लिया क्राइम ब्रांच ने इस खुलासे के बाद 37 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।

जो इस ग्रुप से जुड़े बताए जा रहे हैं। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि सभी छात्रों से पूछताछ जारी है। इन ग्रुपों में 282 छात्रों के नाम शामिल होने की बात सामने आई है। उधर बिहार में आईबी ने एक नया खुलासा किया है कि कई नक्सली संगठन छात्रों के विरोध की आड़ में हिंसा को बढ़ावा देने के काम में सक्रिय हो गए हैं। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को भी सतर्क कर दिया गया है।