सेंट्रल डेस्क/नई दिल्ली। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जाने से लोगों के बीच अब तक मायूसी छाई हुई है। वहीं, गुरुवार को लता मंगेशकर की अस्थियों को नासिक के रामकुंड में विसर्जित की गई थी। नासिक के बाद उनकी अस्थियों को मुंबई में भी विसर्जित की गई। लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ, उनकी भतीजी रचना और भतीजे आदिनाथ ने लता मंगेशकर की अस्थियों को अरब सागर में भी प्रवाहित किया। तीनों के साथ कुछ और परिवार के सदस्य भी इस दौरान मौजूद थे।
रविवार को लता मंगेशकर के परिवार के सभी सदस्य नाव पर सवार होकर अस्थियों को पूरे विधी विधान के साथ अरब सागर में प्रवाहित कीं। ई-टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार लता मंगेशकर को मुंबई से बेहद प्यार था। इसलिए उनके परिवार को महसूस हुआ कि उनकी अस्थियों को मुंबई में विसर्जित किया जाना चाहिए। छह फरवरी जिस दिन लता मंगेशकर की मृत्यु हुई थी उस दिन ही फैसला ले लिया गया था।
हिंदुस्तान की सुरीली आवाज की दुनिया को वीरान कर गईं लता मंगेशकर के निधन के बाद से ही उनके चाहने वाले दुखी हैं। लता जी को लोग सरस्वती मां की अवाज मानते थे और सरस्वती पूजा के अगले ही दिन लता जी सरस्वती में ही विलीन हो गईं। लता दी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया था। जो लोग वहां नहीं पहुंच पाएं वो लोग अपने टीवी सेट से चिपके रहे और स्वर कोकिला को दूर से ही श्रद्धांजलि दी।
लता मंगेशकर के परिवार ने अस्थियां को एकत्र कर 3 कलश में पूरे विधि-विधान के साथ रखा था। रामकुंड में अस्थि विसर्जन के मौके पर उनके भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर और फैमिली के दूसरे लोग मौजूद रहे। गुरुवार को लता जी का अस्थि विसर्जन रामकुंड में करने के बाद काशी-हरिद्वार में भी किया जाएगा। खबरों की माने तो एक अस्थि कलश को काशी ले जाया जाएगा, जहां गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा। इसके अलावा हरिद्वार में भी लता दी की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया जाएगा।
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