सेंट्रल डेस्क। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य 10 मामलों में 10 साल के कठोरतम कारावास की सजा भी सुनाई गई है। साथ ही 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
यासीन द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोप स्वीकार करने के बाद एनआइए के स्पेशल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया। हुर्रियत नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में अदालत ने गुरुवार को दोषी ठहराया था।
इससे पहले नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को आतंकवाद के वित्त पोषण के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था। मलिक ने अवैध गतिविध (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। यासीन मलिक ने कश्मीर की आजादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों के लिए दुनियाभर से फंड जुटाया था।
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