सेंट्रल डेस्क/बीपी टीम : विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास के कारण इमरान सरकार खतरे में पड़ती नजर आई है। चौंकाने वाली बात यह है कि सेना ने भी इस पूरे सियासी बखेड़े पर चुप्पी साध ली है।
सेना का समर्थन खोने के कारण इमरान खान सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के सारे विकल्प खोलते नजर आ रहे हैं। समाचार एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक मुश्किलों में घिरे इमरान खान आत्मघाती रणनीति चुन सकते हैं। वहीं सेना के प्रमुख को हटाने का कदम उठा सकते हैं, जो स्थिति को बेहद खतरनाक बना सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख को हटाने से इमरान की पार्टी के नेताओं के कुछ विवादित वीडियो या भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज जारी किए जा सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो विपक्षी दलों को एक बड़ा मौका हाथ लग जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस्लामाबाद स्थित सिंध हाउस पर पीटीआई कार्यकर्ताओं का हमला इमरान खान की हताशा को दर्शाता है। पीपीपी संचालित सिंध हाउस में बड़ी संख्या में पार्टी के बागी नेताओं ने शरण ले रखी है।
इमरान खान ने बागी सांसदों पर दबाव बनाने के लिए मतदान के दिन अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ राजधानी में जमावड़े की धमकी दी है। इनमें उनके समर्थक उग्रवादी समूहों के रैंक से शामिल हो सकते हैं। इमरान अपने इस छोटे कार्यकाल में इन कट्टरपंथी समूहों का समर्थन करते रहे हैं। रिपोर्ट में यही भी अंदेशा जताया गया है कि कोई भी सामूहिक हिंसा या हमला पाकिस्तान के लिए विनाश ला सकता है।
पाकिस्तान में भड़की किसी भी प्रकार की हिंसा इमरान की मिट्टी पलीद कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक सत्ता पक्ष के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के बागी होने से पीएम के रूप में इमरान खान के गिने चुने दिन बच गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु हथियार से संपन्न लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम पाकिस्तान में आतंकी संगठन भी मौके का फायदा उठाने और विभिन्न हितधारकों के बीच पकड़ बनाने के लिए तैयार हैं। ऐसे में यह मुल्क बिना गोलीबारी या युद्ध अस्थिर होने की ओर बढ़ चला है।