प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा प्रदर्शनी का उद्घाटन, पूर्वी भारत को बताया विकास का ग्रोथ इंजन

दिल्ली

सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भुवनेश्वर में उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने इसे ओडिशा के इतिहास की सबसे बड़ी बिजनेस समिट करार दिया और राज्य सरकार तथा जनता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, पहले के मुकाबले 5-6 गुणा ज्यादा निवेशक इस बिजनेस समिट में हिस्सा ले रहे हैं। यह ओडिशा की बढ़ती आर्थिक क्षमताओं और निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है।

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन बताया और ओडिशा की इसमें अहम भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इतिहास इस बात का साक्षी है कि जब भारत का ग्लोबल ग्रोथ में बड़ा योगदान था, तब पूर्वी भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस क्षेत्र में बड़े इंडस्ट्रियल हब, पोर्ट और ट्रेड केंद्र हुआ करते थे। खासतौर पर ओडिशा साउथ ईस्ट एशिया के साथ व्यापार का मुख्य केंद्र था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दो प्रमुख स्तंभों पर टिकी है इनोवेटिव सर्विस सेक्टर और क्वालिटी प्रोडक्ट्स। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की प्रगति केवल कच्चे माल के निर्यात से संभव नहीं है, बल्कि पूरे इकोसिस्टम को बदलने और उसे नया आकार देने की जरूरत है। हम नए विजन के साथ काम कर रहे हैं और हमारे प्रयास हैं कि भारत वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी एक मजबूत जगह बनाए।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने Wed in India और Heal in India को भारत का नया मंत्र बताया। उन्होंने कहा, ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर इसे Wed in इंडियनके लिए एक प्रमुख केंद्र बना सकती है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में Heal in India के माध्यम से देश वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।

प्रधानमंत्री ने तेजी से बदलती वैश्विक परिस्थितियों और सप्लाई चेन की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा, भारत बिखरी हुई और आयात आधारित सप्लाई चेन पर भरोसा नहीं कर सकता। हमें एक सशक्त घरेलू सप्लाई चेन का निर्माण करना होगा, जो वैश्विक उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हो। यह सरकार और उद्योग दोनों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि MSME सेक्टर न केवल देश के आर्थिक विकास का अहम हिस्सा है, बल्कि यह लाखों लोगों के रोजगार का भी प्रमुख स्रोत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ओडिशा का विकास भारत के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे के विकास, कनेक्टिविटी, उद्योगों के प्रोत्साहन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हमारा लक्ष्य है कि ओडिशा न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख आर्थिक केंद्र के रूप में उभरे।

मेक इन ओडिशा पहल पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राज्य को निवेशकों के लिए आकर्षक केंद्र बना रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से ओडिशा को न केवल देश के अन्य हिस्सों बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी क्षमताओं और संसाधनों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं में प्रकृति का सम्मान और पर्यावरण की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
उत्कर्ष ओडिशा प्रदर्शनी में देश-विदेश के निवेशकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री ने इसे ओडिशा की प्रगति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य में बेहतर नीति, स्थिर शासन और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा सरकार, प्रदर्शनी में भाग ले रहे निवेशकों और राज्य की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि मेक इन ओडिशा अभियान से राज्य और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री के संबोधन ने न केवल ओडिशा के विकास की दिशा में उम्मीदें जगाई हैं, बल्कि यह भी संकेत दिया है कि केंद्र सरकार पूर्वी भारत को देश की प्रगति में एक निर्णायक शक्ति के रूप में देख रही है।