-आगरा और बाराबंकी में लगे देश विरोधी नारे पर “5 मुस्लिम मंचों” की आपात बैठक
नई दिल्ली, सेंट्रल डेस्क। असमाजिक तत्वों और देश विरोधियों की हरकतों के खिलाफ मुहिम चलाने, दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने और जनजागरण द्वारा अवाम, कौम और मिल्लत की काउंसलिंग करने के मकसद से देश भर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुवार की सुबह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट, भारत फर्स्ट, सूफी शाह मलंग समाज और एमआरएम महिला प्रकोष्ठ ने संयुक्त रूप से बैठक कर एक संयुक्त बयान जारी किया है। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि बैठक में असमाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी निन्दा प्रस्ताव रखते हुए आगरा और बाराबंकी में 15 अगस्त को शरारती तत्वों एवं पाकिस्तान प्रस्तों द्वारा “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाने और साजिश रचने वाले दोषियों के विरुद्ध जल्द से जल्द कठोरतम कार्रवाई की मांग की गई है।
बैठक में सभी संगठनों और प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक, राज्य संयोजक, क्षेत्रीय सह संयोजक और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मौजूद रहे। सब ने एकजुट होकर देश विरोधियों के खिलाफ कड़े कानून लाने और महाराष्ट्र सरकार की उस कवायद का पुरजोर समर्थन किया जिसमें महाराष्ट्र में राज्य के सांस्कृतिक मंत्री ने एक आदेश निकाल कर सभी को फोन पर जवाब में “वन्देमातरम” बोलने की अपील की है।
गद्दारों पर कार्रवाई हो, वन्देमातरम पर लगे मुहर:
दरअसल, जब पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर त्योहारों की तरह जश्न मना रहा था तो वहीं आगरा और बाराबंकी में तिरंगे की अवमानना और देशविरोधी हरकतें शर्मसार करने वाली रहीं। इन स्थानों पर पाकिस्तान परस्त लोगों ने देश से गद्दारी करते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। नारे लगाने वालों में नौजवान और मदरसे के बच्चे थे। अध्यक्ष मोहम्मद अफजाल और राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का साफ मानना है की देश और समाज को तोड़ने वाली मानसिकता पर कठोर प्रहार की आवश्यकता है। साथ ही साथ मंच ने कहा कि ये बड़ा दुखद है कि इस देश में चंद मदरसे ऐसे भी हैं जो समाज को बांटने और देशद्रोह जैसे विचार रखते हैं।
इन्हीं चंद मदरसों की पौध ही “सर तन से जुदा” करने जैसी बातें करते हैं। दूसरी तरफ, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने महाराष्ट्र सरकार के “वन्देमातरम” अभिवादन की बात का जबरदस्त समर्थन किया है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि इसके विरोध मे महाराष्ट्र कांग्रेस के अलावा एनसीपी, शिवसेना तथा कुछ मुस्लिम संगठन जैसे रज़ा अकादमी और राज्य के एक मंत्री अब्दुल सत्तार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, एनसीपी के नेता छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड जैसे नेताओं ने “वन्देमातरम” बोलने का विरोध किया है। लेकिन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इन सभी नेताओं की आलोचना करते हुए स्पष्ट करना चाहता है कि मंच इस मानसिकता का खुलकर घोर विरोध करता है और वन्देमातरम का स्वागत करता है।
बुद्धिजीवियों ने बताया शर्मनाक:
हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट के राष्ट्रीय संयोजक बिलाल उर रहमान और सह संयोजक अजीमुल हक ने कहा कि 15 अगस्त को जब सारा देश तिरंगा यात्राएं निकालकर स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव बड़े धूम धाम से और हर्षोल्लास से मन रहा था उसी समय उत्तर प्रदेश के आगरा और बाराबंकी शहरों मे कुछ युवकों ने और मदरसों के बच्चों ने रैली निकालकर “पाकिस्तान ज़िन्दाबाद” के नारे लगवाए और देश को अपमानित किया है जो बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। आगरा और बाराबंकी में हुई घटनाओं की कठोर शब्दों मे नींद करते हुए हिंदुस्तान फर्स्ट हिंदुस्तानी बेस्ट ने कहा कि ऐसे घृणित कृत्य मे सम्मिलित युवकों तथा मदरसा संचालकों पर सख्त कारवाई होनी चाहिए।
सूफी शाह मलंगों ने की कड़ी भर्त्सना:
इस संदर्भ मे जो खबरे निकलकर सामने या रही हैं उसके अनुसार आगरा में तिरंगा यात्रा मे शामिल तीन मुस्लिम युवकों ने “पाकिस्तान ज़िन्दाबाद” के नारे लगवाये और देश और देश के राष्ट्रीय झंडे का घोर अवमान किया। एक नागरिक के तक्रार पर आगरा पुलिस ने इन युवकों की पहचान कर उग्रपंथियों को हिरासत में लिया है। इस सिलसिले में सूफी शाह मलंग समाज की तरफ से सूफी सय्यद शाह मलंग और चांद शाह बानो ने बहुत ही कड़े शब्दों में कहा कि ऐसी घटनाएं बेहद आपत्तिजनक हैं। उन्होंने मांग कि सरकार को तत्काल प्रभाव से ऐसी हरकतों पर लगाम चाहिए क्योंकि ये असमाजिक तत्व इस्लाम, मुसलमान और मदरसों का नाम बदनाम कर रहे हैं। जिसका खामियाजा मासूमों को बदनामी के रूप में मिलता है।
भारत फर्स्ट की मांग मदरसों पर लगे लगाम:
15 अगस्त को देश के खिलाफ साजिश रचने वाले बाराबंकी के दारुल उलूम रसीदिया मदरसे पर भारत फर्स्ट के राष्ट्रीय संयोजक सिराज कुरैशी और सह संयोजक इमरान चौधरी ने तत्काल लगाम कसने और कठोरतम कार्रवाई की मांग की है जिससे आगे किसी भी मदरसे में इस तरह की साजिश रचने के पहले लोग कांप उठें। पुलिस ने अभी इस मदरसे के संचालकों और शिक्षकों की अभी सिर्फ काउंसिलिंग भर की है। जबकि ऐसी परिस्थितियों से सख्ती से निपटना जरूरी है। भारत फर्स्ट ने महाराष्ट्र में वन्देमातरम बोलने का समर्थन करते हुए कहा कि “वन्देमातरम” का उर्दू-फारसी में अनुवाद होता हैं “मादरे वतन हिंदुस्तान ज़िन्दाबाद” जो इस्लाम के नसीहत के मुताबिक देखें तो “मां के कदमों में जन्नत” और “हुब्बुल वतनी निस्फुल ईमान” पर जोड़ दिया गया है।
एमआरएम महिलाओं में आक्रोश:
एमआरएम की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली और शहनाज अफजाल ने इन घटनाओं पर कड़ा रोष जताया है। प्रकोष्ठ का यह स्पष्ट मानना है की “पाकिस्तान ज़िन्दाबाद” के नारे लगवाकर इस लोगों ने न केवल राष्ट्रीय झंडे की अवमान किया है बल्कि वतन से भी बगावत की है। प्रकोष्ठ ने यह भी कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं और देश के अन्य संघटनों को भी इस घटना में संलिप्त लोगों की तीव्र निंदा करते हुए सरकार से इनके खिलाफ कठोर कारवाई की मांग करनी चाहिए। महिला प्रकोष्ठ ने यह भी कहा कि वन्देमातरम का विरोध करने वाली पार्टियों और नेताओं को विरोध करना इस्लाम की उन नसीहतों का विरोध है जिसमें देश से मोहब्बत को ईमान बताया गया है।