फ्रॉड से बचाने के लिए आरबीआई ने जारी की ‘राजू और चालीस चोर’, पढ़ें और बचें ऑनलाइन चोरों से

दिल्ली

नई दिल्ली/सेंट्रल डेस्क । अली बाबा और चालीस चोर की कहानी से तो आप वाकिफ होंगे जिसमें चोरी का माल शरीफ अली बाबा के हाथ लग जाता है। पर आजकल कहानी अलग हो गई है। आपके फोन या ई-मेल पर लिंक भेजकर और आपसे वन टाइम पासवर्ड पूछ कर चोर आपका पूरा खाता साफ कर सकते हैं। इन फ्रॉडों से बचाने के लिए आरबीआई ने ‘राजू और चालीस चोर’कॉमिक जारी की है।

बैंकिंग लोकपाल की कॉमिक्स में काल्पनिक पात्र राजू और चालीस चोरों की कहानी के जरिये दर्शाया गया है कि शातिर 40 तरीकों से कैसे आपको अपने जाल में फंसाकर खाता खाली कर देते हैं। आरबीआई के सूत्रों के अनुसार, ग्राहक जागरूकता पहल के तहत पिछले साल जुलाई में वित्तीय धोखेबाजों के तौरतरीकों पर एक पुस्तिका बी अवेयर प्रकाशित की गई थी। अब इसे विस्तार देते हुए इसे राजू एंड द फोर्टी थीव्स (राजू और चालीस चोर) शीर्षक से लांच किया गया है।

इसमें वित्तीय शिक्षा को बढ़ाने की दिशा में काम किया गया है। यह सीरीज उन ग्राहकों के लिए उपयोगी होगी, जो ऑनलाइन लेनदेन की बारीकियां नहीं समझते। इस सीरीज में ऐसी 40 कहानियां हैं, जो आरबीआई में आने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं का जिक्र करती हैं। इसमें राजू को कभी किसान, कभी एक खुशमिजाज व्यक्ति जैसे अलग-अलग किरदारों में दर्शाया गया है। बताया गया कि आरबीआई के मुंबई द्वितीय (महाराष्ट्र और गोवा) की बैंकिंग लोकपाल टीम ने कोविड काल के दौरान में इस सीरीज को तैयार किया है। इससे सबक लेकर तमाम लोग फ्रॉड से बच सकते हैं।

पहले एटीएम कार्ड की क्लोनिंग, एटीएम में चिप या बूथ के अंदर कैमरा लगाकर धोखाधड़ी ज्यादा होती थी। आरबीआई की ओर से जारी बुकलेट में अब फिशिंग लिंक, ऑनलाइन मार्केट प्लेस का उपयोग, क्रेडिट कार्ड वार्षिक शुल्क में छूट के फर्जी ऑफर, विशिंग कॉल, एटीएम कार्ड स्किमिंग फ्रॉड, स्क्रीन शेयरिंग एप और रिमोट के जरिये धोखाधड़ी करने की जानकारी दी गई है।

इसी तरह सिम स्वाइप, सिम क्लोनिंग, सर्च इंजन, क्यूआर कोड स्कैनिंग, क्रेडिट लिमिट, सोशल मीडिया से जानकारियां चुराकर, चार्जिंग केबल के माध्यम से डेटा की चोरी, लॉटरी धोखाधड़ी, ऑनलाइन जॉब फ्रॉड, नकली खाता संख्या और ई-मेल हैकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी की जा रही है। इसी तरह मैसेज एप बैंकिंग फ्रॉड, चोरी के दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी लोन, सट्टेबाजी में बड़े लाभ का झांसा, नकली टीकाकरण कॉल, कोविड परीक्षण की नकली ऑनलाइन साइट, वसूली एजेंटों के बहाने जालसाजी की जा रही है।

सामाजिक कल्याण योजना धोखाधड़ी, बहु स्तरीय विपणन घोटाले, वर्क फ्रॉम होम स्कैम, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी, सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग कर धोखाधड़ी, नकली विज्ञापन या प्रस्ताव, फर्जी लोन ऑफर, क्रेडिट कार्ड सक्रिय धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी, आधार कार्ड को सुरक्षित करने के नाम पर, कैशबैक ऑफर का उपयोग करके, छूट और चैरिटी के नाम पर धोखाधड़ी, एफडी पर ओवरड्रॉफ्ट का झांसा, अवैध तरीके से संचालित फाइनेंस एप, अत्यधिक ब्याज दरें और उत्पीड़न रणनीति, मर्चेंट आउटलेट्स पर कार्ड क्लोनिंग, साझा किए गए विवरणों, परिवार या रिश्तेदार, भुगतान संबंध आवेदनों के जरिये फ्रॉड किया जा रहा है।

कहानियों में बताया गया है कि कैसे जालसाज कभी लॉटरी लगने या बाहर घूमने का ऑफर देता है तो कभी आधार अपडेट करने की बात कहकर ग्राहक को तगड़ी आर्थिक चोट पहुंचा देता है। सूत्रों का कहना है कि इस तरह की कहानियों को पढ़कर लोग यह आसानी से समझ सकेंगे कि किस फोन कॉल पर क्या रिस्पांस देना है। और खुद को धोखाधड़ी से कैसे बचाना है।

यह भी पढ़े….