Central Desk : महंगाई को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बयानों को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं. वित्त मंत्री ने फिर महंगाई को लेकर कहा है कि महंगाई में कमी लाने की जिम्मेदारी केवल केंद्र सरकार की नहीं है. उन्होंने कहा कि महंगाई में कमी लाने में राज्य सरकारों को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए.
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने का साझा प्रयास होना चाहिए और केंद्र और राज्य दोनों की ये जिम्मेदारी है. पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल डीजल पर दो बार एक्साइज ड्यूटी में कमी की है अब राज्यों की जिम्मेदारी है (VAT घटाने की). वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में महंगाई दर राष्ट्रीय स्तर से भी ज्यादा है जो चिंता का कारण है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में पेट्रोल डीजल पर वैट नहीं घटाने के चलते महंगाई दर ज्यादा बना हुआ है.
ICRIER द्वारा महंगाई को लेकर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई से आम आदमी को राहत देने के लिए कई कदम उठाये हैं. सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाया है जिससे घरेलू कीमतों और उत्पादकों के हितों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा ग्लोबलाइजेशन के चलते महंगाई बढ़ी है और केंद्रीय बैंक इस पर काबू पाने के प्रयास कर रही है.
बतातें चलें कि बुधवार को भी वित्त मंत्री ने कहा था कि महंगाई सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती नहीं है. बल्कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां का सृजन और आर्थिक समानता के लक्ष्य को हासिल करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा था कि, कुछ प्राथमिकताएं लाल अक्षर वाली होती हैं जिसमें उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन, समान धन वितरण यानि आर्थिक समानता और देश को विकास के पथ पर आगे लेकर जाना लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि उस लिहाज से देखा जाए तो महंगाई लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है. उन्होंने का कि पिछले कुछ महीनो में महंगाई पर काबू पाने में सरकार ने सफलता हासिल की है.