समाजवादी नारा देने वाले आज भ्रष्टाचारी के गोद में चले गए : निखिल मंडल

दिल्ली

सेंट्रल डेस्क/बीपी टीम : शरद यादव जी ने राज्यसभा जाने के लिए और दिल्ली में अपनी सरकारी बंगला बचाने के लिए अपनी पार्टी लोजद का विलय राजद में कर लिया है। ये वही शरद यादव है जिसने लालूजी को सजा होने पर खुशी जाहिर की थी और कहा था भ्रष्टाचारियों के लिए सबक है यह फैसला। ऐसे में शरद जी से सवाल बनता है की अगर आपके नजर में लालूजी भ्रष्टाचारी है तो अपने दल का विलय राजद में क्यों किया.? क्या सिर्फ राज्यसभा जाना ही समाजवाद है.?

शरद यादव

दरअसल शरद यादव को दूसरे के कंधों पर कूद कर राजनीति करने की आदत हो गई है।सिर्फ एक वैचारिक आभामंडल और आडम्बर बनाकर जनता को बरगलाने का काम किया है। शरद यादव की राजनीति अजीब रही है। कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की पर बेटी-समधी को कांग्रेस से टिकट दिलवाया। परिवारवाद के खिलाफ थे पर अपनी बेटी-समधी को चुनाव लड़वाया। भ्रष्टाचार के खिलाफ थे पर अब देश की सबसे बड़ी भ्रष्टाचारी पार्टी में ही डुबकी लगा दिए। लोहिया, जेपी और बी.पी.मंडल की विरासत क्लेम करने के लिए शरद यादव को इन सवाल का जवाब देना होगा