-बताया कि न्यायाधीश बनने के बाद से ही गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण आने की थी मेरी तैयारी, जो आज पूरी हो गई
Motihari, Dinesh Kumar: चंपारण मंडल के निरीक्षी न्यायाधीश बनने के बाद से ही गांधीजी की कर्मभूमि चंपारण आने की तैयारी में था, जो आज पूरा हो गया। यहां आकर मैं अपने को काफी गर्वान्वित महसुस कर रहा हूं। मैं 30 वर्षो तक अधिवक्ता पेशा से जुड़े रहने के बाद न्यायाधीश बना हूं। मैं अधिवक्ताओं के समस्याओं को बखुबी समझता हूं। आज भी मैं मन से अधिवक्ता ही हूं। उक्त बातें शनिवार को जिला विधिज्ञ संघ के कैफी हॉल में आयोजित अपने सम्मान समारोह में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए चंपारण मंडल के निरीक्षी न्यायमूर्ति सह उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने कही।
उन्होंने अधिवक्ताओं को आश्वत किया कि संघ के बताए गए अधिवक्ताओं की समस्याओं को दूर करने का वे भरपूर प्रयास करेगें। न्यायमुर्ति संजीव प्रकाश शर्मा व जिला जज परशुराम सिंह यादव को संघ की ओर से बिहार स्टेट बार काउंसिल के को-चेयरमैन राजीव कुमार द्विवेदी, संघ के अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह व महासचिव डा0 नरेंद्र देव ने बुके व चादर ओढ़ाकर अभिनंदन किये। संघ के अध्यक्ष कामाख्या नारायण सिंह ने अधिवक्ताओं के बैठने के लिए आवंटित जमीन की स्वीकृति देने, अधिवक्ता हॉल निर्माण कराने, बाथरूम, स्टैंड की व्यवस्था, टाइपिस्टों को एक जगह शेड बनाकर बैठाने की व्यवस्था आदि समस्याओं से निरीक्षी न्यायमूर्ति को अवगत कराया।
न्यायमूर्ति ने व्यवहार न्यायालय परिसर में फलदार वृक्ष के पौधे रोपकर पर्यावरण व स्वच्छता का संदेश भी दिया। साथ ही न्यायालय परिसर को स्वच्छ रखने के लिए निर्देश भी दिए। कहा कि पान, गुटखा, तंबाकू खाकर न्यायालय भवन या अन्य जगहों पर गंदा करने वालों को दंडित करें। साथ ही निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश भी दिया। वे निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल से जेल में बंद कैदियों की हालत व्यवस्थाएं व अन्य प्रतिवेदन की जांच किये। वहीं न्यायालयों का निरीक्षण कर विशेष जानकारी ली।