ग्लोबल वार्मिंग खतरे की घंटी बजा रही, आषाढ़ महीने में बारिश नहीं होने से किसान हैं दुखी और मायूस : अंजू देवी

पूर्वी चंपारण
  • गुरु पूर्णिमा के अवसर पर स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 104 वीं भव्य नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का किया आयोजन

वाल्मीकिनगर, प्रतिनिधि। भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित बेलवा घाट परिसर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा 104 वीं भव्य नारायणी गंडकी महाआरती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि शीर्ष कार्य प्रमंडल सह यांत्रिक प्रमंडल वाल्मीकि नगर के कार्यपालक अभियंता सुबोध चौधरी, अति विशिष्ट अतिथि वाल्मीकि नगर बाएट के प्राचार्य रोशन कुमार, होटल पूर्वा के निदेशक चंदन जायसवाल, स्वरांजलि सेवा संस्थान के एम.डी संगीत आनंद संस्थापक डी आनंद, राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी, समाजसेविका लक्ष्मी खत्री, रामनगर प्रखंड के उद्यान पदाधिकारी हेमचंद्र आर्य, आचार्य पंडित उदयभानु चतुर्वेदी, एवम् भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता धीरज मिश्रा, ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया।

मुख्य अतिथि इंजीनियर श्री चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं होता, उसका जीवन शुरू नहीं होता। गुरु वे होते हैं जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, दुख से सुख की ओर,और निर्धनता से संपन्नता की ओर ले जाते हैं। चंपारण कांवर संघ के सैकड़ों कांवरिया भक्त शिव भजनों पर घंटों झूमते रहे। प्राचार्य रोशन कुमार ने गुरु पूर्णिमा की महिमा बताते हुए गुरु गोविंद दोऊ खड़े काको लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपनो जिन गोविंद दियो बताए, दोहा द्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। डी. आनंद ने कहा कि पूर्णिमा तिथि के दिन संगम तट पर पूजा पाठ करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है, ऐसा धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। विशिष्ट अतिथि चंदन जायसवाल ने कहा कि यह महा आरती वाल्मीकि धाम की पहचान बनती जा रही है।

समाजसेविका लक्ष्मी खत्री ने कहा कि यह महाआरती एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है। क्योंकि इसमें भारत नेपाल दोनों देशों के लोग संयुक्त रूप से भाग लेते हैं। गायक संगीत आनंद ने माता पिता की भक्ति पर आधारित भजन को प्रस्तुत किया। होटल पूर्वा द्वारा महाप्रसाद का इंतजाम किया गया। राव एमआरआई सेंटर गोरखपुर के सौजन्य से अंगवस्त्रम द्वारा अतिथि गण सम्मानित किए गए। लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के सामाजिक कार्यों की विशेष प्रशंसा की गई। संचालन डी. आनंद ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन संगीत आनंद ने किया। आचार्य उदयभानु चतुर्वेदी ने कथा के माध्यम से आषाढ़ पूर्णिमा की महिमा को प्रस्तुत किया।

नेपाल की गायिका आशा साहू, अभिनेत्री कुमारी संगीता, शिव चंद्र शर्मा, अम्लाकांत ठाकुर, राज निवास, वीरेंद्र बाबा, पिकी कुमारी, थरुहट के गायक नंद कुमार, करण भोजपुरिया, एवं चांदनी कुमारी की प्रस्तुति सराहनीय रही। वाल्मीकि नगर में नव पदस्थापित कार्यपालक अभियंता सुबोध चौधरी को आगत अतिथियों ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहीं उत्कृष्ट सामाजिक कार्यों के लिए चंदन जायसवाल, लक्ष्मी खत्री, धीरज मिश्रा, नागेंद्र प्रसाद, रामनगर प्रखंड के उद्यान पदाधिकारी सह प्रखंड तकनीकी प्रबंधक हेमचंद्र आर्य, मझौआ के राम सिंह, पूर्व उप मुखिया मुहम्मद जवाहीर, आदि उल्लेखनीय कार्यों के लिए नारायणी गंडकी सम्मान से सम्मानित किए गए।

समय-समय पर स्वरांजलि सेवा संस्थान ट्रस्ट के दैनिक दरिद्र नारायण भोज एवं महाआरती कार्यक्रम में सहयोग देने के लिए राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे, वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार एवं स्थनीय विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह की भूरि भूरि प्रशंसा की गई। मौके पर अखिलेश साह, गायिका सरिता कुमारी, अमर कुशवाहा, एडिटर स्वरांजलि सरगम, अनमोल कुमार, वाल्मीकि बाबा, गायक राजा, कैमरा मैन अभिषेक केसरी, राजीव पांडे,नेपाल के छायाकार मनोज कुमार, कामेश्वर श्रीवस्तव, मिन्नी खान, नथुनी बैठा, सीताराम शर्मा, लक्ष्मीपुर रमपुरवा के उप मुखिया कपिल देव दास,आदि की भूमिका सराहनीय रही।

अपोलो क्लिनिक, सुरजी हेल्थ केयर, निर्माता संजय भारती, होम लाल प्रसाद, एडिटर त्रिलोक कुमार, वीएफएक्स तरुण कुमार एवं वशिष्ठ डेरी उद्योग नेपाल के सौजन्य से मनोहारी प्रस्तुति करने वाले कलाकारों की हौसला अफजाई उपहार देकर की गई। अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू देवी ने कहा कि मानव सेवा ही सच्ची ईश्वर की सेवा है। इसके निमित्त भारत नेपाल सीमा पर 14 नवंबर 2012 से हर दिन सुबह शाम घूम-घूम कर लावारिस दिव्यांग जनों को निःशुल्क भोजन दिया जाता है। पर्यावरण संरक्षण संवर्धन एवं प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए 6 नवंबर 2014 से पूर्णिमा और विशेष अवसर पर नारायणी गंडकी महा आरती की जाती है। ग्लोबल वार्मिंग खतरे की घंटी बजा रही है। आषाढ़ महीने में बारिश नहीं होने से किसान दुखी और मायूस हैं। बारिश के लिए मंत्रोच्चारण के साथ हवन किया गया।