दहेज जैसी कुरीतियों से गरीब लोगों के बेटियों की शादी करना बड़ी चुनौती है : हामिद रजा

पूर्वी चंपारण

समाज सुधार को लेकर चला अभियान, कहा शिक्षा से ही विकास संभव है

मेहसी/बीपी प्रतिनिधि। समाज सुधार अभियान के तहत आज प्रखंड क्षेत्र के हरपुरनाग पंचायत स्थित दामोदरपुर गांव में दहेज और मुसलमानों में गलत रस्मो रिवाज के खिलाफ उलेमाओं ने समाज की आज बैठक की। इस बैठक में बड़ी संख्या में उलेमा और आम नागरिक उपस्थित हुए।

इस बैठक में समाज कल्याण विभाग महिला विकास निगम यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रन द्वारा संचालित उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक हामिद रजा ने कहा कि शिक्षा से ही विकास संभव है। जब तक बच्चों में पूर्णरूपेण शिक्षा की व्यवस्था नहीं हुई जाए हो जाती तब तक हम समाज का विकास नहीं कर सकते हैं इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के बच्चों के जो चार मुख्य अधिकार हैं उन अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए समाज का सुधार और गलत परंपराओं को खत्म की जानी चाहिए और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के कानूनी प्रावधानों को लोगों को बताया कि कम उम्र की शादी पर बिल्कुल रोक लगनी चाहिए।

इस अवसर पर मास्टर शाहिद रजा ने समाज में फैले दहेज प्रथा के कारण और उस के दुष्परिणाम को बताया दहेज़ के गरीब के लड़की की शादी रुक जाती है और लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हीने देश दुनिया में हो रहे घटनाओं को बताया। इस बैठक में डॉक्टर इक़बाल अहमद ने कहा कि दहेज़ लेन देन और डी जे पर नाच गाना इस्लाम की फितरत में शामिल नही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल सिलाई, पंचर , गैराज जैसे छोटे कामों मत लगाइए उसे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और आई ए एस आई पी एस बनाए तभी हमारे क़ौम की भलाई होगी।

इस बैठक में दहेज लेने देन के खिलाफ एक कमिटी की भी गठनगरीब लोगों के बेटियों की शादी करना बड़ी चुनौती हो गई हऐ की गई। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि कोई भी व्यक्ति अगर दहेज का लेन देन करता है, यह कमेटी उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। नहीं मानने वाले के खिलाफ तमाम उलेमा और अवाम उसका सामाजिक बायकाट करेगा। वैसे लोग जो दहेज लेते हैं या मांग करते हैं, उलेमा उनके शादी में निकाह नहीं पढ़ाएंगे।

शादी सहित अन्य अवसरों पर डीजे बजाने वाले और डीजे की धुन पर नाच गाना करने वाले परिवार के खिलाफ भी इस कमिटी ने कड़े फैसले लिए। अगर कोई भी व्यक्ति शादी विवाह के मौके पर या अन्य किसी आयोजन में डीजे बजाते हैं नाच गाना करते हैं तो उनके यहां मिलादुन्नबी व अन्य अयोजन में शरीक नही होंगे। नाही उसके भोज में लोग शामिल होंगे।
गौरतलब हो कि दहेज लेन देन की घटनाएं आजकल बहुत जोरों पर चल रहा है जिससे गरीब लोगों के बेटियों की शादी करना बड़ी चुनौती हो गई है। उसके अलावा शादी ब्याह सहित अन्य आयोजनों में डीजे बजा कर कमजोर और बीमार लोगों को काफी परिशनियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कमिटी में फ़ज़लूर रहमान उर्फ साहेब को अध्यक्ष और गयासुद्दीन को सचिव बनाया गया। इस बैठक में लतीफ उर रहमान , मुफ़्ती कुतबुद्दीन, फ़िरोज़ आलम अरक़म चम्पारणी, हाफिज इरशाद आलम रौशन चम्पारणी,मौलाना , पीर ए तरीक़त हाजी गियासुद्दीन अंसारी, मौलाना सिद्दीक रज़ा, मौलाना इमरान, मैनुद्दीन, ताहिर हुसैन, मेराज अहमद, जग्गू, बिलाल अहमद, शब्बीर अहमद, सहित बड़ी संख्या में उलमा, और आम नागरिक शामिल हुए।

यह भी पढ़े…