फ़िल्म समीक्षा : टूटी लय में द मेहता बॉयज

एंटरटेनमेंट जोन

डेस्क। बोमन ईरानी की फिल्म द मेहता बॉयज़ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। द मेहता बॉयज एक ऐसी फिल्म है जो हमें पारिवारिक रिश्तों, खासकर एक पिता और बेटे के बीच की जटिलताओं को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका देती है। फिल्म की थीम में एक परिचित भविष्यवाणी की झलक है, जिसे हम और आप जी भी रहे हैं। लेकिन बोमन ईरानी ने स्क्रिप्ट में कई अप्रत्याशित मोड़ दिए हैं जो इसे दिलचस्प बनाता है।

बतौर निर्देशक ये बोमन ईरानी की ये पहली फिल्म है और बोमन ईरानी इसमें बहुत हद तक सफल भी रहे। फिल्म की कहानी पिता शिव मेहता (बोमन ईरानी) और उनके बेटे अमय (अविनाश तिवारी) के बीच के संबंधों के इर्द-गिर्द घूमती है। शिव मेहता, जो एक बुजुर्ग पारसी व्यक्ति हैं, पत्नी की मृत्यु के बाद अपनी खोई हुई स्थिति को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।

ईरानी ने इस किरदार को बखूबी निभाया है, उनके चेहरे पर गहरी उदासी और शरीर के हल्के-झुके कंधे, दोनों ही दर्शाते हैं कि वह जीवन के कई कठिन दौरों से गुजर चुके हैं। अमय, जो मुंबई में एक आर्किटेक्ट बनने की कोशिश कर रहा है, अपनी ज़िन्दगी के मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उसे अपने पेशेवर जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है और वह मानसिक रूप से भी बहुत उलझन में है। अविनाश तिवारी ने भी अपने किरदार को जीवंत कर दिया है।

फिल्म की नायिका ज़ारा (श्रिया चौधरी) जो अमय की सहकर्मी भी है और प्रेमिका भी। ज़ारा का किरदार स्मार्ट और समझदार है, और वह दिखाती है कि कैसे एक महिला किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार करती है जो अपने जीवन में स्थिरता की तलाश में है, लेकिन उसे स्थिरता नहीं मिल रही। ज़ारा के किरदार के माध्यम से फिल्म में महिलाओं के दृष्टिकोण और उनके संघर्ष को भी दिखाया गया है।

फिल्म के लेखन में कुछ स्थानों पर संकुचन महसूस होता है। कुछ दृश्य ऐसे हैं जिन्हें थोड़ा और विस्तार से दिखाया जा सकता था, ताकि फिल्म की लय बनी रहती। और कुछ दृश्यों को बहुत ज्यादा खींच दिया गया है जिसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। फिल्म की शुरुआत धीमी है धीरे धीरे फिल्म रफ्तार पकड़ती भी है लेकिन अपने लय को बरकरार नहीं रख पाती है ये फिल्म की सबसे बड़ी कमी है।

जहां तक अभिनय की बात है तो बोमन ईरानी ने अपने किरदार को जीवंत कर दिया है, अविनाश तिवारी ने भी बेहतरीन अभिनय है। फिल्म की नायिका श्रिया चौधरी के लिए कुछ खास था भी नहीं और पर्दे पर समय भी कम मिला है इसके बावजूद भी श्रिया ने बहुत अच्छा काम किया है। फिल्म संगीत में भी कुछ खास है नहीं जिसकी आप चर्चा करें या जो आपके जेहन में उतर जाए। फिल्म के रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 2.5 स्टार्स मिलने चाहिए ।