झारखंड : स्कूल में एडमीशन कराने के लिए नेताजी ने रुपये तो नहीं लिए पर नेतागिरी चमकाने में कर बैठे सीएम के दस्तखत

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रांची/स्टेट डेस्क। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव का फर्जी हस्ताक्षर कर आवासीय बालिका विद्यालय में नामांकन के प्रयास में छात्र नेता मुकेश कुमार महतो (बुंडू निवासी) को गोंदा थाना पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले में साइबर कैफे का संचालक असीत कुमार फरार (बुंडू निवासी) है।

मुख्यमंत्री सचिवालय से जानकारी मिलने के बाद मामले में जांच के लिए सनहा दर्ज किया गया था। इसके बाद गोंदा थाना के सब इंस्पेक्टर को जांच की जिम्मेदारी दी गयी थी। उनकी जांच रिपोर्ट पर पांच मई को केस दर्ज किया गया था। छात्र नेता ने बताया कि उसने छात्रा का एडमिशन कराकर सिर्फ अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए ऐसा किया था। इसके एवज में उसने कोई रुपये नहीं लिये थे।

इंस्पेक्टर ने जांच में पाया गया कि मुख्यमंत्री या उनके वरीय आप्त सचिव ने कोई पत्र जारी नहीं किया। तमाड़ निवासी रमेश महतो की बेटी (पांचवीं की छात्रा) का छठी कक्षा में नामांकन के लिए ऐसा किया गया था। बच्ची किशुनपुर में मामा गणेश महतो के पास रहती है। गणेश महतो दीपशिखा स्कूल में शिक्षक हैं।

गणेश ने बच्ची को जेल रोड स्थित राजकीय पिछड़ी जाति आवासीय बालिका विद्यालय में छठी क्लास में एडमिशन कराने के लिए परीक्षा दिलायी थी। बच्ची फेल हो गई। गणेश के मुताबिक तभी बुंडू कॉलेज के छात्र नेता मुकेश कुमार महतो (पहले से परिचित) से मुलाकात हुई। उसने बताया कि मुख्यमंत्री के लेटर से नामांकन हो जायेगा। तो मुकेश ने गणेश के नाम पर एक आवेदन मुख्यमंत्री सचिवालय में दे दिया।

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पुलिस की पूछताछ में मुकेश ने बताया कि वह आवेदन का रिसिविंग कराने के बाद ओम साइबर कैफे बंडू गया था। वहां साइबर कैफे के संचालक असीत कुमार ने छात्रा का नामांकन के लिए मुख्यमंत्री के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर एक लेटरपैड दे दिया। उसने वही लेटर व्हाट्सएप पर कल्याण विभाग के उप निदेशक के पास भेज दिया। उधर, मुकेश ने मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर एक लेटर तैयार करवा कर विकास आयुक्त कार्यालय में जमा किया। इस काम के लिए असीत कुमार ने सिर्फ सौ रुपये लिए थे।