बीपी डेस्क। मां लक्ष्मी धन और संपत्ति की देवी हैं । शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शाम विधिवत पूजन से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जातकों पर धन वर्षा करती हैं। माना जाता है कि समुद्र से इनका जन्म हुआ और इन्होंने श्रीविष्णु से विवाह किया। इनकी पूजा से धन की प्राप्ति होती है, साथ ही वैभव भी मिलता है। अगर लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं, तो घोर दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। इनकी पूजा से केवल धन ही नहीं, बल्कि नाम, यश भी मिलता है। इनकी उपासना से दाम्पत्य जीवन भी बेहतर होता है।मां लक्ष्मी की पूजा के कुछ नियम है।अगर इन नियमों का पालन न किया जाए, तो मां नाराज भी हो जाती हैं।
लक्ष्मी की पूजा के नियम और सावधानियां: मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए।इनकी पूजा का उत्तम समय होता है मध्य रात्रि।मां लक्ष्मी के उस प्रतिकृति की पूजा करनी चाहिए, जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों।साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो।मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है।मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर वह तुरंत प्रभावशाली होता है।मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
धन की बचत के लिए: धान्य लक्ष्मी की पूजा, मां लक्ष्मी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें उनके पास अनाज की ढेरी हो या चावल की ढेरी पर लक्ष्मीजी का स्वरूप स्थापित करें।उनके सामने घी का दीपक जलाएं, उनको चांदी का सिक्का अर्पित करें।पूजा के उपरान्त उसी चांदी के सिक्के को अपने धन स्थान पर रख दें।मिथुन, तुला और कुम्भ राशि वालों के लिए धान्य लक्ष्मी के स्वरूप की आराधना विशेष होती है।
कारोबार में धन की प्राप्ति के लिए गज लक्ष्मी की पूजा, लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें दोनों तरफ उनके साथ हाथी हों।लक्ष्मीजी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं।मां लक्ष्मी को एक गुलाब का फूल अर्पित करें।पूजा के उपरान्त उसी गुलाब को अपने धन वाली जगह पर रख दें। रोज इस गुलाब को बदल दें।वृष, कन्या, धनु, मकर और मीन राशि के कारोबारी लोगों के लिए गजलक्ष्मी की पूजा विशेष होती है।
नौकरी में धन की बढ़ोतरी के लिए: ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा, गणेशजी के साथ लक्ष्मीजी की स्थापना करें।गणेशजी को पीले और लक्ष्मीजी को गुलाबी फूल चढ़ाएं।लक्ष्मीजी को अष्टगंध चरणों में अर्पित करें।नित्य प्रातः स्नान के बाद उसी अष्टगंध का तिलक लगाएं।कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लिए ऐश्वर्य लक्ष्मी की पूजा विशेष होती है।
धन के नुकसान से बचने के लिए वर लक्ष्मी की पूजा, लक्ष्मीजी के उस स्वरूप की स्थापना करें, जिसमें वह खड़ी हों और धन दे रही हों।उनके चरणों में नित्य प्रातः एक रुपये का सिक्का अर्पित करें।सिक्कों को जमा करते जाएं और महीने के अंत में किसी सौभाग्यवती स्त्री को दे दें।मेष, सिंह और धनु राशि के लोगों के लिए वरलक्ष्मी के स्वरूप की उपासना अदभुत होती है।
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