अपनी मां को बताया प्रेरणा स्रोत, पति बढ़ाते हैं हौसला
Motihari, Rajan Dwivedi: अगर हौसला बुलंद हो तो मंजिल दूर नहीं होती। इस सच कर दिखाया है मोतिहारी जिले के उत्तरी ढेकहां पंचायत स्थित पुरानी झिटकहियां गांव निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक राजेन्द्र प्रसाद यादव की पत्नी कुमकुम कुमारी ने। कूमकुम अपने हौसले के बूते गौ पालन करते हुए दुग्ध उत्पादन में पुरूषों को पीछे छोड़ रखा है।
खुद भी एक उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक की भूमिका बखूबी निभाते हुए विशेष आमदनी के लिए गौ पालन का रास्ता वर्ष 2001 से चुना। बात यहीं खत्म नहीं होती। गौ पालन के माध्यम बायो गैस प्लांट भी घर में लगा रखी हैं। बतातीं हैं कि इससे उन्हें गैस सिलेंडर पर साल में करीब बारह हजार रूपए खर्च की बचत गायों के गोबर से बायो गैस निर्माण करके कर लेती हैं। साथ ही खेतों के लिए बेहतर जैविक खाद का भी निर्माण कर लेती हैं। अब स्थिति यह है कि कुमकुम अब अपने पंचायत ही नहीं आसपास के अन्य इलाकों की प्रेरणा स्रोत बन गई है।
बताती हैं कि वे बापूधाम मिल्क फाउंडेशन से जुड़ कर दुग्ध उत्पादन करते हुए अच्छी आमदनी कर रही हैं। जिससे उसकी बच्चों की परवरिश में आर्थिक तंगी आड़े नहीं आती। गौ सेवा और दूध दूहने का कार्य स्वयं सुबह आठ बजे तक पूरा कर लेती हैं। उसके बाद का समय स्कूल में बच्चों के शिक्षण कार्य में उपयोग करतीं हैं। फिर शाम का समय भी गौ पालन और बच्चों के शिक्षा देने में उपयोग करतीं हैं। बताती हैं इस कार्य में मेरे पति का भरपूर सहयोग और हौसला मिलता है।
यह भी पढ़े….