चंपारण : देश की आर्थिक प्रगति के साथ देश की एकता एवं अखंडता बनाए रखने में रेलवे दे रहा है योगदान : राधामोहन सिंह

मोतिहारी
  • बताया केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रेल संरचना कोष की स्थापना की है, जो कि एक नॉन लैप्सेबल कोष है –

मोतिहारी/ राजन द्विवेदी। रेलवे स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद राधामोहन सिंह ने आज कहा कि भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी सरकारी रेल प्रणालियों में से एक हैं, जो यात्री एवं माल यातायात सेवा प्रदान करने वाली एकीकृत मंत्रालय के रूप में कार्य करती है। देश की आर्थिक प्रगति के साथ-साथ रेलवे देश की एकता एवं अखंडता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है।

मोदी सरकार द्वारा रेलवे बजट और आम बजट को विलय करने के बाद रेलवे को लाभांश देने से भी मुक्त कर दिया गया। उससे रेलवे की पूंजी में बढ़ोतरी हुई और उसे अपनी विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में सहायता मिली। यह माननीय प्रधान मंत्री जी की दूरदर्शिता का उत्तम उदाहरण है। बताया कि पूर्व में रेल बजट में शामिल योजनाओं का निर्धारण योजना आयोग द्वारा किया जाता था, जिसमें 40 प्रतिशत तक कटौती कर दी जाती थी। परन्तु योजना आयोग की समाप्ति तथा नीति आयोग के गठन के उपरांत रेलवे की विभिन्न योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए रेलवे के सकल बजटीय सहायता में हर वर्ष बढ़ोतरी हुई है।

हम सभी जानते है कि रेलवे अपनी क्षमता से अधिक यात्री और माल ढोती है. जिससे उसे नवीनीकरण और प्रचालित संसाधनों को बदलने में परेशानी होती हैं। इसके साथ ही आंतरिक संसाधनों की कमी को देखते हुए यह काम नहीं हो पाता था। इसके लिए हमारी सरकार ने राष्ट्रीय रेल संरचना कोष की स्थापना की है, जो कि एक नॉन लैप्सेबल कोष है। यह लैप्स नहीं होता है और हर वर्ष इसमें 20,000 करोड़ रुपये का विनियमन किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा संबंधित लंबित कार्यों, जैसे रेल मार्ग का नवीनीकरण, सुरक्षा, पुलों का सुदृ ढ़ीकरण, मानव रहित समपार समाप्त करना, अनुरक्षण सुविधाओं का उन्नयन, संकेत व्यवस्था में सुधार और आईसीएफ यात्री डिब्बों को एलएचबी डिब्बों द्वारा बदलना इत्यादि कार्य है। इस कोष की स्थापना के बाद इससे किए गए कार्यों का परिणाम अब सामने आने लगा है।

रेलवे ब्राडगेज लाइनों पर 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है और वर्ष 2023 तक इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा, ऐसा मेरा विश्वास है। महोदय, इससे पर्यावरण में सुधार होगा साथ ही रेलवे ईंधन पर होने वाले व्यय को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। रेलवे ने महिला सशकीकरण के लिए मी अनूठी पहल की है। इसके तहत देश में रेलवे के कई स्टेशनों के संचालन की शत-प्रतिशत जिम्मेवारी महिलाएं ही समान रही है।

यह वर्ष 2014 के बाद की कहानी है। भारतीय रेलवे की सुरक्षा करते वाले रेलवे सुरक्षा बल में भी महिलाओं की संख्या बड़ी है। वर्ष 2022-23 के बजट अमृत काल के की प्राथमिकताओं में पीएम गति शक्तितहत ए पोस्टल और रेलवे नेटवर्क, जिससे पानी के में सुविधा हो, वन स्टेशन क्षेत्र विस्तार एवं नई जनरेशन की 400 बन्दे भारत ट्रेन की कार्य योजना अत्यन्त सराहनीय है, जिसका इस बार के बजट में उल्लेख किया गया है।