चंपारण : सुखाड़ से जिले में उत्पन्न हो सकती है भयावह स्थिति, सिंचाई का हो प्रबंध: चेयरमैन

मोतिहारी
  • जिप अध्यक्ष ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिल कर मांग पत्र सौंपा, दिए सुझाव भी

मोतिहारी/राजन द्विवेदी। जिले में बारिश के अभाव में कृषि और किसानों की संभावित दुर्दशा की चिंता अब सभी को होने लगी है। इसी क्रम में जिला परिषद जिला परिषद् अध्यक्ष ममता राय राय ने अपनी संवेदनशील कार्यशैली के बीच आज जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल एवं पुलिस अधिक्षक कांतेश कुमार मिश्रा को पूर्वी चम्पारण जिले में सुखाड़ से उत्पन्न भयावह स्थिति की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया।

श्रीमति ममता राय ने कहा की जिले में भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है। आहर, पईन, तालाब का पानी सुख गया है, धान के बीचड़े सुख रहे है तथा किसान अपने खेतो में धान की रोपनी नही कर पाये हैं। इन बिन्दुओ पर जिलाधिकारी से त्वरित कार्रवाई की मांग की। श्रीमति राय ने कहा कि जल स्तर नीचे जाने से पेय जल की समस्या जिले में कई जगह हो गई है। वहा जल्द पेय जल की व्यवस्था कराई जाय तथा सुखाड़ से प्रभावित किसानो को डीजल अनुदान की व्यवस्था कराई जाय।

उन्होने जोर दे कर कहा की आज के दौर में किसानो को कृषि कार्य हेतु 20 घन्टा विधुत आपूर्ति कराई जाय तथा जिले के संबंधित नहर प्रमंडलो के अभियंताओ को शख्त हिदायत दी जाय की वे नहरो के अंतिम छोर तक पानी की आपूर्ति कराना सुनिश्चित करें, जिससे भू-जल स्तर भी बढ़ेगा।श्रीमति राय ने कहा कि पटवन के लिए किसानों के द्वारा जिस यंत्रो का प्रयोग किया जा रहा है उसे प्रशासन द्वारा बन्द कराया जा रहा है जो काफी चिन्ता का विषय है।

उन्होने यह भी कहां कि अकास्मिक फसल योजना के तहत निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दे कि किसानो को सभी जगह रासायनिक उर्वरक आवश्यकता अनुकुल उपलब्ध हो सकें। उन्होने मांग किया कि इस से संबंधित सभी पदाधिकारी अपने-अपने विभाग के कार्यो की समीक्षा कर मौजुदा परिस्थिति से आम जनता को निजात दिलाये।

  • नहरों के बांध काटने वालों पर पुलिस करे कार्रवाई

श्रीमति राय ने पुलिस अधिक्षक से मांग किया कि जिन नहरो में पानी छोड़ा गया है। उन नहरो के बांध को जगह-जगह पर काट कर गांव के दबंग किसानो एवं मनचलो द्वारा बांध काटकर पानी के प्रवाह को अवरूद्ध किया जा रहा है। जिससे नहरो के अंतिम छोर तक पानी नही पहुंच रहा है और अधिकांश किसानो को सिचाई से बंचित होना पड़ रहा है।

उन पर थानाध्यक्षो के माध्यम से गैर कानूनी ढंग से नहरो का बांध काटने वाले, नहरो के प्रवाह को अवरूद्ध करने वाले तथा सुलिस गेट को अपने अनुसार संचालित करने वाले के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाय।