-उक्त घटना को लेकर मुख्यमंत्री सहित विभिन्न अधिकारियों को लिखा पत्र
मोतिहारी / राजन द्विवेदी। वर्ष 1917 में पूर्वी चंपारण जिले के जब महात्मा गांधी का बरहरवा लखन सेन में आगमन हुआ। उस समय उनके इच्छा से एक छोटे से मकान में बुनियादी विद्यालय की शुरुआत की थी। जिस विद्यालय के बगल में आज भी बुनियादी पाठशाला का बोर्ड लगा हुआ है। उसे अब शिक्षा विभाग व अधिकारी उच्चतर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बरहरवा लखन सेन कर दिया गया है।
वही इस बात की जानकारी जब ढाका विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अभिजीत सिंह को हुई तो वह आज उक्त विद्यालय पहुंचे हुए थे। कहा कि ये दुर्भाग्य है इस देश का आर एस एस और गोडसे परिवार का यह साजिस है। जिसके तहत आदरणीय गांधी का नाम स्कूल से हटा दिया गया है।
महात्मा गांधी इस देश की आत्मा हैं। उस आत्मा को गोडसे और आरएसएस किस प्रकार कुचल रहे हैं। इसका जीता जागता सबूत ढाका विधानसभा के अंदर बरहरवा लखन सेन के इस विद्यालय में देखा जा सकता है। जिस विद्यालय की स्थापना खुद बापू इस गांव में 8 माह 13 दिन रहकर की थी। उसके नाम से भी अब गांधी शब्द हटा दिया गया।
इस आश्रम स्थल व विद्यालय की पूरे विश्व पटल पर अलग पहचान है। यह आश्रम और बुनियादी पाठशाला सत्याग्रह आंदोलन का मूल और मुख्य केंद्र बिंदु रहा है। स्कूल का नाम हटा देना उसको सुरक्षित नहीं रखना यह दिखाता है कि अभी जो डबल इंजन की सरकार चल रही है। वह किस प्रकार से इस देश के अंदर एक जाति और धर्म के आधार पर किस प्रकार से देश को बांटना चाहती है।