चंपारण : दोषी पुलिस अधिकारियों व शराब माफियाओं पर हत्या का हो मुकदमा : जनसुराज

मोतिहारी

जन सुराज ने की शराबकांड के मृतकों के आश्रितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने की मांग

मोतिहारी/ राजन द्विवेदी। जन सुराज की पूर्वी चंपारण जिला कमिटी के पदाधिकारियों के एक शिष्टमंडल ने आज जहरीली शराब पीने से मरे लोगों के परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी है तथा सरकार से सभी मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने और दोषी पुलिस अधिकारियों व शराब माफियाओं के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उक्त जानकारी आज यहां जारी एक बयान में जन सुराज के मुख्य प्रवक्ता संजय कुमार ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि जन सुराजियों की टीम ने मृतक आश्रितों से मुलाकात कर उनके दुःख दर्द को समझा और नीतीश सरकार की ग़लत शराब नीतियों की कड़ी आलोचना की।

जन सुराजियों ने राज्य सरकार, शराब माफियाओं और पुलिस प्रशासन को इस बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपए मुआवजा देने तथा सभी दोषियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की। इस शिष्टमंडल में जन सुराज के जिला अध्यक्ष वीर प्रसाद महतो, महासचिव जयमंगल प्रसाद कुशवाहा, चकिया अनुमंडल अध्यक्ष रामशरण यादव, रक्सौल अनुमंडल अध्यक्ष दिलीप कुमार, जिला अभियान समिति के सदस्य तथा चिरैया प्रखण्ड मुखिया संघ के अध्यक्ष सचिन यादव, प्रवक्ता महेश बैठा , संरक्षक राजा राम सिंह कुशवाहा, जन सुराजी मुकेश कुमार सुमन, रूपेश यादव, विक्की यादव , ओमप्रकाश ठाकुर, अमित कुमार वर्मा आदि शामिल थे।

शिष्टमंडल ने उक्त शराब काण्ड से प्रभावित जिले के तुरकौलिया, हरसिद्धि, सुगौली एवं पहाड़पुर प्रखण्डों के अनेक गांवों का भ्रमण किया तथा मृतक आश्रितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और स्थिति का जायजा लिया। शिष्टमंडल ने सवाल उठाया है कि शराबबंदी कानून के लागू होने के बावजूद आखिर जिले में अंग्रेजी और देशी शराब कहां से और कैसे उपलब्ध हो रहे हैं? इतना ही नहीं स्थानीय स्तर पर अवैध शराब बनाने का काम किसके संरक्षण में चल रहा है? शिष्टमंडल ने इसके लिए पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है और इस बड़ी घटना के लिए शराब माफियाओं और पुलिस गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया है।

शिष्टमंडल ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से इस घटना के दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञात हो कि इस घटना में मरने वाले गरीब, दलित और कमजोर वर्ग के लोग हैं जिसके परिवार का अब कोई सहारा नहीं है। उन सभी परिवारों को दस – दस लाख रूपये मुआवजा देने की मांग सरकार से की गई है।