चंपारण : राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर दी गई उपभोक्ता अधिकार की अहम जानकारियां

मोतिहारी

Motihari, Dinesh Kumar: बढ़ते बाजारवाद में उपभोक्ताओं के अधिकार को संरक्षित करना समय की मांग थी। तब 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पास हुआ। हालांकि उपभोक्ता ठगी का शिकार न हो और उसे सशक्त अधिकार मिले इसके लिए विधयक में कई संशोधन हुए। अन्तिम संशोधन 1999 में हुआ, जिसमें अधिकार क्षेत्र को जिला से बढ़ाकर सम्पूर्ण भारत कर दिया गया। उक्त बातें जिला उपभोक्ता आयोग मोतिहारी परिसर में आयोजित राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर आयोग के सदस्य नीलम देवी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कही।

वहीं आयोग के पूर्व सदस्य अजहर हुसैन अंसारी ने कहा कि बदले हुए परिदृश्य में ठगी के शिकार उपभोक्ताओं को कानूनी सलाह देने के लिए अधिवक्ताओं को भी उपभोक्ता कानून के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। कार्यक्रम को वरीय अधिवक्ता श्रीनिवास तिवारी, जितेंद्र कुमार मिश्रा, यमुना प्रसाद कुशवाहा, दिनेश पाण्डेय, अमरनाथ प्रसाद, प्रणव प्रियदर्शी, दिनेश्वर प्रसाद आदि ने संबोधित किया।

मंच के संचालन उपभोक्ता मध्यस्थता केंद्र के सदस्य इंतजारुल हक ने किया। मौके पर अधिवक्ता पंकज तिवारी, पप्पू प्रसाद, पुण्यदेव राम, सुशील कुमार, सुनील कुमार श्रीवास्तव, संजीव कुमार, ओमप्रकाश तिवारी, विक्रमा सिंह सुरेश साह आदि उपस्थित थे।