मोतिहारी/राजन द्विवेदी। चंपारण में “कलम जादूगर” के नाम से मशहूर पत्रकार सुरेंद्र कुमार अब नहीं रहे। उन्होंने पटना स्थित आवास पर सांस लेने में परेशानी की बीमारी से कल यानी मंगलवार को दिन के करीब दस बजे उम्र के करीब 83 वें पड़ाव पर अपनी अंतिम सांस ली। वहीं उनके निधन की खबर से चंपारण ही नहीं बिहार के अन्य हिस्सों में भी उनकी लेखनी से जानने पहचानने वाले लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है।
वहीं उनके निधन की खबर से मोतिहारी के भवानीपुर मोहल्ला स्थित उनके आवास पर लोगों के शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा है। बता दें कि ब्रह्मलीन हुए पत्रकार सुरेंद्र कुमार उपन्यास, साहित्यकार एवं कुशल व्यंग्यकार के रूप में भी ख्याति प्राप्त थी। वे मिलने में सबसे सरल और सहज थे। लेकिन मुद्दों पर हठी और जिद्दी। खुल कर बेबाकी से बोलने और लिखने में परहेज नहीं करते थे। इसी कारण कइयों को उनकी लेखनी से परेशानी का सामना करना पड़ता था।
जिसका खामियाजा भी वे भी भुगत लेते। जिस किसी से उन्हें पीड़ा भी होती तो भी उसे गले लगा लिया करते थे। जिसके कारण उनके विचारों के विरोधी भी उनके कायल हो जाते। आज उनके निधन की खबर से चंपारण के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। हर किसी के जुबान और चेहरे पर उनके निधन की खबर से आश्चर्य एवं मायूसी नजर आ रही है और जो उन्हें नहीं जानते वे उन्हें जानने और समझने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।