चंपारण : हत्या मामले में माता-पुत्र को मिली आजीवन कारावास की सजा

मोतिहारी

मोतिहारी / दिनेश कुमार। सड़क अवरुद्ध करने के विवाद को लेकर हुए मारपीट में एक व्यक्ति की हुई हत्या मामले में दोषी पाते हुए नामजद दो अभियुक्त माता व पुत्र को चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेंद्र नारायण सिंह ने आजीवन कठोर कारावास व पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

सजा पकड़ीदयाल थाना के अजगरवा निवासी स्वo मनोज सिंह की विधवा नगीना देवी व उसके पुत्र संजीव कुमार उर्फ भोला सिंह को हुई। मामले में स्थानीय निवासी नवलेश सिंह ने पकड़ीदयाल थाना कांड संख्या 275/2019 दर्ज कराते हुए आलोक सिंह, भोला सिंह उर्फ संजीव कुमार ,नगीना देवी एवम् टुनटुन सिंह के पत्नी को नामजद किया था।

जिसमें कहा था कि 4 सितंबर 2019 की सुबह 10.30 बजे नामजद लोग बांस, बल्ला से घेरकर सड़क को अवरूद्ध कर दिए। उसके चाचा मंगल सिंह पूछताछ करने गए तो नामजद लोग घातक हाथियार से मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिए। गंभीर हालत में परिजन उसे सीएचसी पकड़ीदयाल लाए। जहां उसकी गंभीर स्थिति को देख चिकित्सक ने प्रारंभिक उपचार के बाद सदर अस्पताल मोतिहारी रेफर कर दिया।

जहां से बेहतर ईलाज के लिए निजी नर्सिंग होम में लाया गया, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आलोक सिंह, संजीव कुमार व नगीना देवी के विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। नाबालिग होने के कारण आलोक सिंह का वाद पृथक होकर जुबनाएल कोर्ट स्थानांतरित हो गया। वहीं न्यायालय ने 2 मार्च 2021 को नामजद दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप गठन कर सत्रवाद संख्या 11/2020 विचारण की।

विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक दीपक पटेल एवम सहायक अधिवक्ता मो.शहाबुद्दीन ने छह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद धारा 302/34भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए।