चंपारण : मोटर चालक अधिनियम है जनविरोधी, हड़ताल जायज: माले

मोतिहारी

ट्रक, बस चालकों ने किया सड़क जाम, विरोध में किया नारेबाजी

मोतिहारी/ राजन द्विवेदी। केंद्र सरकार द्वारा मोटर चालक अधिनियम में किए गए बदलाव के विरोध में ट्रांसपोर्ट यूनियन और चालक संघ ने आज सड़क जाम कर विरोध जताया। इस हड़ताल के कारण सड़क यातायात ठप है तो वहीं लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बस, ट्रक जहां थे वहीं खड़े कर दिए गए हैं। वहीं इस हड़ताल का माले ने भी समर्थन करते हुए इस जनविरोधी अधिनियम बताया है।

भाकपा माले, बिहार राज्य कमिटी सदस्य विष्णुदेव प्रसाद यादव ने कहा कि इस कानून के जरिए केंद्र सरकार पूंजीपतियों और बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है।जो मजदूरों एवम अन्य गरीब जनता के खिलाफ है। सड़क हादसे के लिए वाहन चालक सिर्फ जिम्मेवार नहीं हैं। कोई भी चालक जानबूझकर दुर्घटना नही करता है।लेकिन इसके लिए सिर्फ चालक को जिम्मेवार ठहरा कर कड़ी सजा का कानून बनाना बिल्कुल तानाशाही है।

इस मसले पर ट्रेड यूनियन संगठनों से भी कोई राय मशविरा नही लिया गया। यह बात सर्वविदित है कि कोई भी वाहन चालक गरीब मजदूर परिवार से ही आते हैं।जिन्हे बहुत कम मासिक वेतन पर गुजारा करना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में यदि उन्हें 10 वर्ष की सजा या 10 में लाख रुपए के जुर्माना की सजा मिलती है तो उनका परिवार ही उजड़ जायेगा।

इस कानून के खिलाफ पूरे देश के वाहन चालकों के अंदर भारी आक्रोश है। जिसे वापस लेने के लिए आज वे सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। उनकी जायज मांगों का भाकपा माले समर्थन करती है और इस मजदूर गरीब विरोधी कानून वापस लेने की मांग करती है। श्री यादव ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इस जनविरोधी कानून को वापस नहीं लेती है तो एक बड़ा जन आंदोलन शुरू होगा।